Pope Francis Condemns Burning Of Quran: वेटिकन सिटी के पोप फ्रांसिस (Pope Francis) ने पिछले हफ्ते स्वीडन में कुरान जलाने की घटना की निंदा करते हुए कहा कि उन्हें मुसलमान के पवित्र किताब का अपमान देखकर क्रोध और घृणा महसूस हुई.


संयुक्त अरब अमीरात के अखबार अल इत्तिहाद में सोमवार (3 जुलाई) को प्रकाशित एक इंटरव्यू में पोप के हवाले से कहा गया कि मुसलमान के लिए पवित्र मानी जाने वाली किसी भी किताब का उस पर विश्वास करने वालों का सम्मान करना चाहिए. मुझे ऐसे कामों पर गुस्सा और घृणा महसूस होती है.


मस्जिद के बाहर कुरान को फाड़ दिया
स्वीडन के स्टॉकहोम में बुधवार (28 जून) को ईद अल-अधा के मौके पर एक व्यक्ति ने एक मस्जिद के बाहर कुरान को फाड़ दिया और जला दिया. इस घटना को लेकर तुर्किए और सऊदी अरब की सरकारों सहित अन्य इस्लामिक देशों ने मिलकर निंदा की. वहीं बीते रविवार (2 जुलाई) को 57 देशों के समूह इस्लामिक सहयोग संगठन (IOC) ने कहा कि धार्मिक नफरत को रोकने के लिए सामूहिक उपायों की जरूरत है. इसके लिए अंतरराष्ट्रीय कानून का इस्तेमाल किया जाना चाहिए.


IOC ने अपने बयान में कहा कि हमें अंतरराष्ट्रीय कानून के संबंध में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को लगातार याद दिलाना चाहिए, जो साफ तौर से  धार्मिक घृणा की किसी भी काम को प्रतिबंधित करता है.


बगदाद में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए
सऊदी अरब ने भी कुरान जलाने के मामले को लेकर सोमवार (3 जुलाई) को स्वीडन के राजदूत को बुलाया था. सऊदी विदेश मंत्रालय ने स्वीडन से कहा कि वो वैसे हर कामों को रोकने की कोशिश करें, जो सीधे तौर पर सहिष्णुता, संयम और चरमपंथ की अस्वीकृति के मूल्यों को फैलाने और देशों की संबंधों को नुकसान पहुंचाती हो. वहीं इस घटना की स्वीडिश सरकार और अमेरिका ने भी निंदा की और बगदाद में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए.


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