नई दिल्ली: वेनेजुएला की सरकार ने नोटबंदी के फैसले को कुछ समय के लिए टाल दिया है. भारत की तर्ज पर हुई नोटबंदी में वेनेजुएला की सरकार ने 100 बोलिवर के नोट को चलन से बाहर किया था. सरकार ने अब 2 जनवरी तक 100 बोलिवर के नोट को चलाए जाने की इजाजत दी है. इसके आगे क्या होगा इस को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है.


नोटबंदी के बाद वेनेजुएला की सरकार ने पुरानी करेंसी को बदलने के लिए महज 72 घंटे का ही समय दिया. इसी के बाद देशभर में लूट की घटनाएं बढ़ गई थीं. कई जगह कैश वैन को लूटा गया तो कहीं सुपर मार्केट में भी लूट की खबरें आयी.


वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने इस पूरी अफरातफरी को एक अंतरराष्ट्रीय साजिश बताया है. उनके मुताबिक 500 बोलिवर के नए नोट को समय पर ना पहुंचाने की साजिश हुई है. वेनेजुएला के राष्ट्रपति ने भारत में नोटबंदी के बाद 100 बोलिवर को नोट को बंद कर 500 बोलिवर लाने का ऐलान किया था. इस ऐलान की किसी को उम्मीद नहीं थी. राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने 'माफियाओं' से निपटने के लिए कोलंबिया और ब्राजील के बॉर्डर को भी बंद करने का आदेश दिया है.


अचानक नोटबंदी के ऐलान और उसके बाद करेंसी बदलाव के उचित इंतजाम ना होने के कारण यहां अराजकता का माहौल हो गया था. नकदी संकट के बाद लोग खाने-पीने और रोजमर्रा की चीजें खरीदने के लिए कार्ड और बैंक ट्रांसफर के जरिए लेनदेन करने के लिए बाध्य हो गए.


वेनेजुएला की करेंसी में पिछले कुछ सालों में गिरावट देखी गई थी. 100 बोलिवर की कीम अमेरिकी मुद्रा में महज दो सेंट के बराबर रह गई थी. महंगाई के मामले में वेनेजुएला सबसे आगे है. यहां दुनिया में सबसे ज्यादा महंगाई है. वेनेजुएला सरकार ने यह कदम सीमापार कोलंबिया में माफिया द्वारा राष्ट्रीय करेंसी बोलिवर की होर्डिंग और देश में लगातार बढ़ती महंगाई को काबू करने के लिए उठाया था.