काराकास: वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं. इस आरोप में मादुरो ने कहा है कि ट्रंप ने उनकी हत्या के आदेश दिए हैं. मादुरो ने कहा कि ट्रंप ने ये आदेश वेनेजुएला के पड़ोसी देश कोलंबिया की सरकार को दिए हैं. हालांकि, इस बीच उन्होंने ये भी कहा कि वो अमेरिका और अपने देश के राजनीतिक विपक्ष से बातचीत की संभावनाओं के लिए तैयार हैं.


रूस की एजेंसी आरआईए के साथ बातचीत में उन्होंने ये जानकारी साझा की. इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि उनके देश में जल्द चुनाव की कोई संभावना नहीं है. उन्होंने ये भी कहा कि वेनेजुएला के विपक्ष के नेता जुआन गुएडो की गिरफ्तारी से जुड़ा कोई आदेश नहीं दिया गया है. मादुरो ने ये भी कहा कि उनका देश चीन और रूस के कर्ज का सम्मान करेगा.


वेनेजुएला पर मादुरो के शासन का ये छठा साल है और इस शासनकाल के दौरान वो अपने सबसे बड़े संघर्ष से गुज़र रहे हैं. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि देश की सेना उनके समर्थन में है और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी मज़बूत के साथ उनके कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं.


मादुरो के ये बयान बुधवार को समाने आए. उनके देश में सत्ता की चाबी अपने हाथ में लेने की पक्ष-विपक्ष की जंग में पूरा विश्व शामिल हो गया है. देश के विपक्ष के नेता जुआन गुएडो ने ख़ुद को देश का अंतरिम राष्ट्रपति घोषित कर दिया है और इस घोषणा के बाद उन्हें सबसे पहले ट्रंप का समर्थन हासिल हुआ था. विपक्षी नेता के इस कदम पर मादुरो ने जांच बिठाई है.


ट्रंप द्वारा मादुरो के विपक्षी को राष्ट्रपति माने जाने के बाद ओपिनियन पोल के तौर पर किए गए इस ट्वीट में विकिलीक्स ने पूछा था, "क्या तुर्की, वेनेजुएला, मैक्सिको, रूस, चीन जैसे बाकी देशों को कई विवादों में घिरे राष्ट्रपति ट्रंप की स्थिति को देखते हुए नैंसी पेलोसी को अमेरिका का अंतरिम राष्ट्रपति घोषणा कर देना चाहिए?"


विकिलीक्स ने अपने इस ट्वीट से ट्रंप द्वारा गुएडो की अंतरिम राष्ट्रपति बनने की घोषणा को मिले समर्थन पर निशाना साधा था. खुफिया जानकारी को लीक करने वाली ये संस्था इस ओर ध्यान खींचना चाहती है कि जैसे अमेरिका दूसरे देशों के लोकतंत्र से खिलवाड़ करता है अगर वैसा उसके लोकतंत्र के साथ हो तो कैसा रहेगा.


आपको बता दें कि अमेरिका दुनिया भर में सरकारें बनाने और गिराने के लिए बदनाम है. इस देश के ऊपर कई देशों की तनाशाह सरकारों तक के तख्तापलट का आरोप लगा है. इनमें इराक और लीबिया जैसे ताज़ा उदाहरण शामिल है. अमेरिका लंबे समय से वेनेजुएला में भी ऐसा ही करने की कोशिश कर रहा है.


वेनेजुएला की मादुरो सरकार ने अपने देश के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार अमेरिका के साथ सारे नाते तोड़ दिए हैं. जब से मादुरो ने शपथ ली है तब से उन्हें अंतरराष्ट्रीय आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. पिछले दो  हफ्तों में तो विपक्ष ने ख़ुद को और पुरज़ोर तरीके से हमलावर बनाया है.


पिछले हफ्ते बुधवार को विपक्ष ने उस मौके पर देशव्यापी प्रदर्शन किया जब 1958 में सेना के पिछले शासन के समाप्त होने का जश्न मनाया जाता है.  वहीं अमेरिका से संबंध तोड़ने की घोषणा करते हुए मादुरो ने काराकास में हजारों समर्थकों से कहा, ‘‘मैंने अमेरिका की साम्राज्यवादी सरकार से राजनयिक और राजनीतिक संबंध तोड़ने का फैसला किया है.’’


उन्होंने कहा, ‘‘दफा हो जाओ! वेनेजुएला छोड़ो, ये इसी लायक हैं, लानत है तुम पर.’’ उन्होंने अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल को देश छोड़ने के लिए 72 घंटे का समय दिया था. हालांकि, बाद में उन्होंने इस फैसले से अपने कदम वापस खींच लिए. दरअसल विपक्ष के नियंत्रण वाली विधायिका के प्रमुख गुएडो ने हजारों समर्थकों की भीड़ के सामने यह घोषणा करके सनसनी फैला दी कि वह अपने आप को ‘कार्यवाहक राष्ट्रपति’ घोषित करते हैं.


ट्रंप इस पर प्रतिक्रिया देने वाले पहले विदेशी नेता थे और उन्होंने गुएडो को अपना समर्थन दिया. उन्होंने नेशनल असेंबली को ‘वेनेजुएला के लोगों द्वारा निर्वाचित सरकार की एकमात्र सही व्यक्ति’ बताया. वहीं काराकास में प्रेजीडेंशियल पैलेस की बालकनी से बोलते हुए मादुरो ने अमेरिकी सरकार पर ‘तख्तापलट की कोशिश’ करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘‘वेनेजुएला के खिलाफ डोनाल्ड ट्रंप सरकार की चरमपंथी नीति गैर जिम्मेदाराना है, यह बहुत मूर्खतापूर्ण है.’’


हालांकि कनाडा, ब्राज़ील, अर्जेंटीना और कोलंबिया जैसे देशों ने वेनेजुएला के खिलाफ ट्रंप के सुर में सुर मिलाया है. आपको बता दें कि खु़द को अंतरिम राष्ट्रपति घोषित करने वाले विपक्षी नेता जुआन गुएडो की उम्र महज़ 35 साल है और हाल ही तक बेहद कम फेसम इस व्यक्ति को देश के कमज़ोर विपक्ष में जान भरने के लिए जाना जाता है. पश्चिम जगत के कई देशों ने मादुरो को आठ दिनों का समय दिया था जिसके भीतर चुनाव कराने की मांग की थी. ऐसा नहीं होने पर उन्होंने गुएडो को अपना समर्थन देने की बात कही थी.


आठ दिनों का ये समय समाप्त होने वाला है और मादुरो किसी चुनाव के मूड में नज़र नहीं आ रहे हैं. वहीं, उनके देश में रूसी विमानों के उतरने से कई तरह के अटकलों को बल मिला है. देश में इस उथप-पुथल के बीच मादुरो को 2017 के बाद के सबसे बड़े प्रदर्शन का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि, 2017 के उस प्रदर्शन की तुलना में जिसमें 120 लोगों की मौत हो गई थे, हालिया प्रदर्शन तुल्नात्मक रूप से शांतिपूर्ण रहे हैं. वहीं, देश की सेना ने मादुरो की खिलाफत का कोई सकेंत नहीं दिया है.


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