Boris Becker Jail Experience: अपने जमाने के दिग्गज टेनिस खिलाड़ियों में शुमार बोरिस बेकर ने अपने जेल में बिताए दिनों को याद करते हुए कहा है कि वो दिन बेहद ही गंदे और बेहद ही खतरनाक थे. उनको दिवालियापन से जुड़े अपराधों की वजह से ब्रिटेन की वैंड्सवर्थ जेल में शिफ्ट कर दिया गया था. जेल से रिहा होने के बाद अपने पहले इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि उन्हें दो बार जान से मारने की धमकी भी दी गई.


55 साल के बोरिस बेकर को पिछले हफ्ते जेल से रिहा होने के बाद प्रत्यर्पित कर जर्मनी लाया गया है. उन्हें ढाई साल कैद की सजा मिली थी जिसके तहत आठ महीने जेल में रहने के बाद वो रिहा हुए हैं. ब्रिटेन में उन पर 25 लाख पाउंड की संपत्ति और कर्ज को छिपाने का दोषी करार दिया गया था. उन्होंने कर्ज चुकाने से बचने के लिए अपनी संपत्तियों और कर्ज को छिपाया था.


दिवालिया घोषित हुए बोरिस


जून 2017 में उन्हें दिवालिया घोषित कर दिया गया था. उस वक्त उन पर 5 करोड़ पाउंड के कर्ज के भुगतान की देनदारी थी. स्पेन के मायोर्का द्वीप पर एक इस्टेट पर उन्होंने 30 लाख पाउंड का कर्ज लिया था जो चुकाया नहीं गया. यही कर्ज बढ़ कर 5 करोड़ पाउंड तक जा पहुंचा.


‘जेल में गुजारी रातें भयानक थीं’


जर्मन प्रसारक सैट.1 को दिए तीन घंटे लंबे इंटरव्यू में टेनिस के पूर्व नंबर वन खिलाड़ी ने कहा कि वांड्सवर्थ जेल में गुजरी उनकी रातें भयानक थीं. यह जगह विंबलडन से ज्यादा दूर नहीं है, जहां उन्होंने तीन बार ये खिताब जीता. उन्होंने बताया कि वो भाग्यशाली रहे कि उनकी दो अलग-अलग गुटों से दोस्ती हो गई. जेल में उन्हें दो कैदियों ने जान से मारने की धमकी भी दी थी. बेकर ने इन दोस्तों को ब्लड ब्रदर्स कहा है और खुद को भाग्यशाली माना कि उनकी इन लोगों से दोस्ती हो गई.


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