Cristina Fernandez de Kirchner: अर्जेंटीना (Argentina) की उपराष्ट्रपति और वामपंथी नेता क्रिस्टीना फर्नांडीज डी किर्चनर (Cristina Fernandez de Kirchner) को भ्रष्टाचार के मामले में छह साल जेल और सार्वजनिक पद पर आजीवन प्रतिबंध की सजा सुनाई गई है. अर्जेंटीना की एक संघीय अदालत ने उन्हें एक हाई-प्रोफाइल भ्रष्टाचार मामले में दोषी पाया है. वह सुप्रीम कोर्ट में सजा को चुनौती दे सकती हैं. 69 वर्षीय किर्चनर पर आरोप लगा था कि 2007 से 2015 के बीच दो बार राष्ट्रपति रहने के दौरान उनके प्रशासन की ओर से सार्वजनिक निर्माण संबंधी ठेके दिए जाने में गड़बड़ियां की गईं. किर्चनर पर एक आपराधिक संगठन चलाने का भी आरोप लगा था, जिसे तीन जजों के पैनल ने खारिज कर दिया. 


अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, इसी साल अगस्त में अभियोजन पक्ष ने कोर्ट से आग्रह किया था कि उपराष्ट्रपति को 12 साल जेल और उनकी राजनीति पर आजीवन प्रतिबंध की सजा सुनाई जाए. किर्चनर ने उन्हें मिली सजा को दोषपूर्ण और पहले से लिया हुआ फैसला करार दिया है. फैसले के बाद किर्चनर ने कहा कि वह समानांतर सरकार और न्यायिक माफिया का शिकार हो गई हैं.


अभियोजन पक्ष की ओर से लगाए गए आरोप और किर्चनर की आपत्ति


अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया था कि सार्वजनिक कार्यों के ठेके फर्नांडीज डी किर्चनर के सहयोगी व्यवसायी को दिए गए थे, जिसने बाद में उन्हें और उनके दिवंगत पति नेस्टर किर्चनर को पैसे वापस दिए थे. नेस्टर किर्चनर भी 2003 से 2007 के दौरान अर्जेंटीना के राष्ट्रपति रहे थे. 


मुख्य अभियोजक ने ठेके बांटने की कथित योजना को देश का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार अभियान करार दिया था. किर्चनर के समर्थकों ने कहा है कि मामला राजनीतिक और न्यायिक अत्याचार का एक उदाहरण है. किर्चनर ने आरोप लगाया कि कोर्ट उनके लिए फायरिंग स्क्वॉड की तरह रही और अभियोजक इस बात पर तुले रहे कि कैसे उनका (किर्चनर का) अपमान करें.


राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नाडीज की मजबूरी!


रिपोर्ट में कहा गया है कि राजनीतिक रूप से ध्रुवीकरण का शिकार अर्जेंटीना लंबे समय से आर्थिक संकट झेल रहा है, जहां मुद्रास्फीति सौ फीसदी की ओर बढ़ रही है. ऐसे हालात में किर्चनर को सजा सुनाए जाने से उनके समर्थकों में खासा रोष है जिसके बढ़ने की आशंका है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मामले में राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडीज की सत्तारूढ़ सरकार पर असर पड़ेगा जो अलगे वर्ष होने वाले आम चुनावों में रूढ़िवादी विपक्ष की चुनौती से बचने के लिए कड़े मुकाबले का सामने कर रही है.


जानकारों की राय में कोर्ट का फैसला


मंगलवार को कोर्ट का फैसला आने से पहले ब्यूनस आयर्स विश्वविद्यालय के राजनीतिक विश्लेषक रोसेन्डो फ्रागा ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि फैसले का एक मजबूत राजनीतिक प्रभाव होगा. फ्रागा ने यह भी कहा कि संभावित अपील की प्रक्रिया में छह साल या उससे ज्यादा समय लग सकता है.


किर्चनर को जेल जाने में लगेगा वक्त!


रिपोर्ट में अन्य जानकारों के हवाले से कहा गया है कि किर्चनर जल्द ही जेल नहीं जाएंगी. वकील एलेजांद्रो कैरियो ने कहा कि हायर कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक न्याय के लिए अपील की प्रक्रिया में वर्षों लग सकते हैं और वर्तमान उपराष्ट्रपति होने के कारण किर्चनर के पास विशेषाधिकार है, जिसका मतलब है कि वह ऐसे अधिकारियों में से एक हैं जिनके निष्कासन के लिए एक राजनीतिक परीक्षण की जरूरत है. किर्चनर के साथ अन्य आरोपियों में से आठ को दोषी पाया गया है, जिन्हें तीन से साढ़े छह साल तक की जेल की सजा सुनाई गई है. तीन लोगों को बरी कर दिया गया और बाकियों के मामले खारिज कर दिए गए है. 


जानलेवा हमले में बाल-बाल बच गई थीं किर्चनर


बता दें कि फर्नांडीज डी किर्चनर कुछ महीनों पहले ब्यूनस आयर्स में अपने घर के बाहर एक जानलेवा का शिकार होते-होते बच गई थीं, एक शख्स ने उनके सिर पर बंदूक तान दी थी और ट्रिगर दबा दिया था लेकिन गोली नहीं चली थी. किर्चनर पर हुए हमले के विरोध में उनके हजारों समर्थक सड़कों पर उतर आए थे.


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