Iran Women Fight Video Viral: ईरान में हिजाब का मुद्दा अभी भी जारी है. सड़कों, स्कूलों और यहां तक की मेट्रो में भी जबरन हिजाब पहनाने को लेकर लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. अब ईरान की मेट्रो में हिजाब पहनने को लेकर दो महिलाओं के बीच मारपीट की एक घटना का वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे दो महिलाएं हिजाब के मुद्दे पर आपस में भिड़ती दिख रही हैं. इस वीडियो में एक महिला को दूसरी महिला हिजाब नहीं पहनने को लेकर धमकाती दिख रही है.


आप देख सकते हैं कि दोनों के बीच विवाद जारी है कि तभी एक और महिला आ जाती है और जो महिला हिजाब पहनने के लिए जबरदस्ती कर रही है उसे ट्रेन से बाहर धक्का दे देती है. ईरान में महिलाओं ने हिजाब न पहनने और मोरल पुलिस के खिलाफ बगावत करने के लिए प्रदर्शन को तेज कर दिया है.


मसीह अलीनेजाद जो ईरानी पत्रकार और एक्टिविस्ट हैं. उन्होंने इस वीडियो को ट्विटर पर शेयर किया है. उन्होंने वीडियो शेयर करते हुए लिखा,''इस महिला ने मुझ पर हिजाब पहनने को लेकर जबरदस्ती करने की कोशिश की, लेकिन एक अन्य महिला ने हस्तक्षेप किया और उसे ट्रेन से बाहर धकेल दिया.''


अलीनेजाद ने आगे कहा,'' ये दिखाता है कि कैसे ईरान की महिलाएं हिजाब को जबरन लादने से तंग आ चुकी हैं और एकजुट हैं.'' 






कट्टरपंथी सरकार को झुकना ही पड़ा


इस्लामिक मुल्क ईरान में हिजाब के खिलाफ उठे जनआंदोलन के सामने आखिरकार कट्टरपंथी सरकार को झुकना ही पड़ा. तकरीबन पिछले 3 महीनों से जारी प्रदर्शनों को देखते हुए सरकार ने 'मोरैलिटी पुलिस' की सभी इकाइयों को भंग कर दिया है. मोरैलिटी पुलिस ने ही महसा अमीनी को सही से हिजाब नहीं पहनने के आरोप में गिरफ्तार किया था, पुलिस हिरासत में ही 22 वर्षीय महसा की मौत हो गई थी. 


पुलिस हिरासत में महसा की मौत के विरोध में पूरे देश में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए थे. पूरे मुल्क में महिलाओं ने हिजाब को जलाना शुरू कर दिया था. महसा के समर्थन में दुनियाभर में महिलाओं ने अपनी चोटी काट कर अपना विरोध दर्ज कराया था. करीबन दो महीने से जारी हिंसक प्रदर्शनों के बीच ईरान की सरकार बैकफुट पर आई और उसने मोरैलिटी पुलिस को भंग कर दिया. 


अटॉर्नी जनरल ने खबर पर लगाई मुहर


समाचार एजेंसी आईएसएनए ने अटॉर्नी जनरल मोहम्मद जाफर मोंटाजेरी के हवाले से शनिवार को कहा कि नैतिकता पुलिस का न्यायपालिका से कोई लेना-देना नहीं है. इसे खत्म कर दिया गया है. बता दें कि नैतिकता पुलिस को कट्टरपंथी राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद ने स्थापित किया था. इसका काम शरिया कानून का पालन कराना था.