China Censors Videos Showing Poverty: सोशल मीडिया पर चीन की गरीबी को दिखाने वाले वीडियो पर चीनी अधिकारियों की ओर से शिकंजा कसा जा रहा है. एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है. इसमें कहा गया है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग की ओर से उठाए गए एक कदम के चलते आर्थिक स्थिति जनित दुख को दिखाने वाले वीडियो सोशल मीडिया से हटा दिए गए हैं.


न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के साइबरस्पेस प्रशासन की मार्च की घोषणा में कहा गया कि जो कोई भी वीडियो या पोस्ट प्रकाशित करता है, जानबूझकर जोड़-तोड़कर दुख दिखाता है, ध्रुवीकरण भड़काता है, पार्टी और सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाने वाली हानिकारक जानकारी क्रिएट (पैदा) करता है और आर्थिक और सामाजिक विकास को बाधित करता है, उसे दंडित किया जाएगा. इसी के साथ चीन में आर्थिक असमानता या कठिनाई का सामना कर रहे लोगों को दिखाना एक दंडनीय अपराध होगा. 


कंटेंट क्रिएटर के अकाउंट को किया गया बैन


इस तरह की खबर तब आई जब हू नाम के एक कंटेंट क्रिएटर ने चीन के दक्षिण-पश्चिमी शहर चेंगदू में एक 78 वर्षीय विधवा का इंटरव्यू लिया. वीडियो में चीनी महिला रोते हुए चावल खरीदने के लिए संघर्ष करती नजर आ रही है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वीडियो को बाद में सोशल मीडिया से हटा दिया गया और चीन के दो सबसे बड़े वीडियो प्लेटफॉर्म से हू के अकाउंट को स्थायी रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया. 


Quora के चीनी वर्जन पर थ्रेड को किया गया सेंसर


रिपोर्ट में कहा गया कि Quora के चीनी वर्जन Zhihu पर एक थ्रेड को भी सेंसर कर दिया गया, जहां लोग चीन में गरीबी पर चर्चा करते देखे गए थे. शी जिनपिंग की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना की प्रतिष्ठा प्रभावित न हो, यह सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ऐसा कदम उठाया गया.  


वहीं, पार्टी ने अपने गरीबी उन्मूलन अभियान को बढ़ावा दिया है क्योंकि शी जिनपिंग ने 2021 में 'सामान्य समृद्धि' कार्यक्रम शुरू किया था. जिसके चलते गरीबी के खिलाफ लड़ाई में चीन की व्यापक जीत का जश्न मनाया गया था.


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