इस्लामाबाद: पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के करीब फैज़ाबाद इलाके में बीते कई दिनों से धरने पर बैठे कट्टरपंथियों पर पुलिस कार्रवाई से भड़के दंगों के बाद अब भी कई शहरों में हालात तनावपूर्ण हैं. पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच लाहौर, कराची, हैदराबाद, सरगोधा समेत कई शहरों में हिंसक झड़पें हुई हैं. इसमें कई पुलिसकर्मियों और प्रदर्शनकारियों को गंभीर चोटें आई हैं. प्रदर्शनकारियों ने कानून मंत्री ज़ाहिद हामिद के घर पर तोड़फोड़ की.

पुलिस और कट्टरपंथी धार्मिक गुटों के प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों में छह लोगों के मारे जाने और 200 से अधिक के घायल होने के बाद कानून व्यवस्था बहाल करने के लिए सेना से मदद मांगी है. इस्लामाबाद में सेना की 111 ब्रिगेड और लाहौर में पकिस्तान रेंजर्स की टुकड़ियों को तैनात किया गया है.

इस बीच UAE का दौरा पूरा कर पाकिस्तान सेनाप्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा वतन लौट आये हैं. आज सेना प्रमुख और प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी के बीच अहम मुलाकात होनी है. कल दोनों के बीच फोन पर बात हुई थी जिसमें सेनाप्रमुख ने सरकार को कट्टरपंथियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई में संयम बरतने की सलाह दी थी.

बिगड़ते हालात के मद्देनजर पाकिस्तान में टीवी चैंनलों के प्रसारण पर रोक लगा दी गई थी. साथ ही सोशल मीडिया साइट्स पर भी बंदिशें लगाई गई हैं.

धरने को इस्लामाबाद हाईकोर्ट द्वारा आतंकी कार्रवाई बताए जाने के बाद प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को फैज़ाबाद धरना स्थल से शनिवार को बलपूर्वक हटाने की कार्रवाई शुरू की थी.
क्या है पूरी फसाद?

सारा फसाद बीते माह पाकिस्तानी संसद में चुनाव कानून में खत्मे_नबुवत संबंधी प्रावधानों में संशोधन के बाद शुरू हुआ. इसे गैर इस्लामिक करार देते हुए कट्टरपंथी समूहों ने तीखा विरोध किया. इसके बाद पाकिस्तान सरकार ने प्रस्तावित संशोधनों को वापस ले लिया. लेकिन प्रदर्शनकारी कानून मंत्री ज़ाहिद हामिद के इस्तीफे पर अड़े रहे. मामले को लेकर सरकार के बीच मध्यस्थता और समाधान के लिए कई दौर की बातचीत हुई. मगर हामिद के इस्तीफे की मांग को लेकर फैज़ाबाद इलाके में प्रदर्शनकारियों का धरना जारी था.