Violence in Pakistan: आतंक को पालने पोसने और हिंसा को समर्थन देने वाला पाकिस्तान (Pakistan) इन दिनों खुद हिंसा से परेशान हैं. हजारों की भीड़ लाहौर से राजधानी इस्लामाबाद को घेरने निकल चुकी है. इस भीड़ को तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान यानी TLP भड़का रहा है. TLP सबसे पहले 22 अक्टूबर को सड़कों पर आया था. इस प्रदर्शन में अबतक 4 पुलिसवालों की मौत हो चुकी है. कई टीएलपी समर्थक भी हिंसा में घायल हुए हैं. हिंसा को देखते हुए पुलिस वालों की पहरेदारी बढ़ा दी गई है. जानिए पाकिस्तान में क्यों भड़क उठी है हिंसा.
क्यों हो रही है हिंसा?
दरअसल, कट्टरपंथी संगठन टीएलपी दो मांगों को लेकर सड़क पर उतरा हुआ है. पहली मांग टीएलपी के चीफ साद रिजवी को रिहा करने की है तो दूसरी मांग फ्रांस के राजदूत को इस्लामाबाद से वापस फ्रांस भेजने की है. इमरान सरकार पहली मांग मानने के लिए तैयार हो गई, लेकिन दूसरी मांग मानना इतना आसान नहीं है.
क्यों फ्रांस के राजदूत को वापस नहीं भेज सकते इमरान?
बता दें कि फ्रांस FATF का मेजबान देश है और उसी FATF में पाकिस्तान ग्रे लिस्ट का दंश झेल रहा है. अब ऐसे में जहां ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने के लिए पाकिस्तान छटपटा रहा है, उस हाल में प्रधानमंत्री इमरान खान फ्रांस के राजदूत को इस्लामाबाद से वापस फ्रांस भेजने के बारे में सोच नहीं सकते.
टीएलपी के साथ बेनतीजा रही बातचीत
टीएलपी के साथ बेनतीजा रही बातचीत ने पाकिस्तान के वजीर ए आजम की कुर्सी संभाल रहे इमरान को बाल नोचने पर मजबूर कर दिया है. अब देखना है कि दूसरें देशों को हिंसा की आग में जलाने का सपना देखने वाली पाकिस्तान सरकार इस आग से कैसे निपटेगी.