Bangladesh Fuel Prices Hike: श्रीलंका के बाद अब बांग्लादेश (Bangladesh) भी आर्थिक संकट (Economic Crisis) के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. यहां पेट्रोल की कीमत (Petrol Price) में 52 प्रतिशत की ऐतिहासिक बढ़ोतरी के खिलाफ गुस्साई जनता सड़कों पर उतर आई है. बढ़ती महंगाई के खिलाफ देश के कई शहरों में प्रदर्शन चल रहे हैं. इस बीच बांग्लादेश की राजधानी ढाका में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प हो गई.
दरअसल महंगाई के खिलाफ जब बांग्लादेश के लोगों का गुस्सा फूटा तो वहां की सड़कें धधकने लगीं. जैसे ही प्रदर्शनकारियों का सामना वहां की पुलिस से हुआ तो लोगों ने अपना आपा खो दिया और पत्थरबाजी शुरू कर दी. पुलिस ने भी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और पत्थरबाजों पर आंसू गैस के गोले दागने शुरू कर दिए. पुलिस की इस कार्रवाई से प्रदर्शनकारियों का गुस्सा और भड़क गया और उस वक्त उन्हें जो भी सामान हाथ में मिला पुलिस की तरफ फेंकने लगे.
पेट्रोल डीजल की कीमतों में ऐतिहासिक बढ़ोतरी
दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़प होने के बाद ढाका को थोड़ी देर के लिए प्रदर्शनकारियों ने बंधक बना लिया. दरअसल बांग्लादेश में हिंसा तब भड़की जब वहां पेट्रोल डीजल की कीमतों में ऐतिहासिक बढ़ोतरी की गई. एक दिन पहले वहां की सरकार ने एक लीटर पेट्रोल की कीमत 51 फीसदी बढ़ाकर 130 टका कर दी जो भारत के 108 रुपए होते हैं. शनिवार तक बांग्लादेश में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 86 रु टका यानी भारत के 71 रु के करीब थी. यही नहीं डीजल और केरोसीन की कीमत में भी 42 फीसदी बढ़ोतरी की गई है. अब एक लीटर डीजल और केरोसीन 114 बांग्लादेशी टका में बिक रहा है. भारतीय रुपए में ये 95 रु प्रति लीटर है.
तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के एलान के बाद वहां के लोगों में हड़कंप मच गया, अचानक कई लोग गाड़ियों में तेल डलवाने के लिए पेट्रोल पंप पहुंच गए जिससे अफरा-तफरी मची रही. लोगों को ये डर सताने लगा कि कहीं बांग्लादेश की हालत भी श्रीलंका की तरह ना हो जाए. हालांकि सत्ताधारी बांग्लादेश अवामी लीग के नेता ने abp न्यूज़ से कहा कि बांग्लादेश में श्रीलंका जैसे हालात नहीं, सब काबू में है, हम हर जरूरी कदम उठा रहे हैं.
चीन के विदेश मंत्री ढाका पहुंच गए हैं
इस बीच मौके का फायदा उठाने के लिए चीन ने भी चाल चल दी है. चीन के विदेश मंत्री वॉन्ग यी दोनों देशों के बीच कारोबारी रिश्तों को बढ़ावा देने के लिए ढाका पहुंच गए हैं. जबकि जानकारों का दावा है कि जिस तरह चीन के कर्ज की वजह से श्रीलंका बर्बाद हो गया कहीं उसी राह पर बांग्लादेश तो नहीं चल पड़ा है.
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