दो साल पहले लापता हुई कोलंबिया की महिला समुद्र में शनिवार को तैरती हुई जीवित पाई गई है. सन अखबार की खबर के मुताबिक मछुआरे समुद्री तट पर महिला को जीवित देखकर दंग रह गए. उसके रेस्क्यू का नाटकीय फुटेज शोसल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
46 वर्षीय महिला की तलाश रोलान्डो विस्बल और उसके दोस्त ने की. उसे शनिवार की सुबह कोलंबियाई बंदरगाह के किनारे से दो किलोमीटर दूर पाया गया. वीडियो फुटेज को रोलान्डो विस्बल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर शेयर किया है. जिसमें विस्बल और उसके दोस्त को नाव का रुख बेजान महिला की तरफ मोड़ते हुए देखा जा सकता है.
समुद्र के बीच से महिला को किया गया रेस्क्यू
न्यूयॉर्क पोस्ट के मुताबिक, उन्होंने महिला को गलती से पानी में बहकर आई लकड़ी का एक टुकड़ा समझ लिया था. इस बीच अचानक महिला ने अपने हाथ के इशारे से मदद की गुहार लगाई. जिसके बाद उन्होंने अपनी नाव का रुख महिला की तरफ मोड़ा. वीडियो में दोनों शख्स महिला को नाव में खींचते हुए नजर आ रहे हैं. बताया जाता है कि महिला पानी में करीब 8 घंटे से बह रही थी. जिसके चलते उसे थकान और हाइपोथर्मिया से जूझना पड़ा. रेस्कूय किए जाने के बाद महिला के मुंह से पहला शब्द निकला, "मेरा पुनर्जन्म हुआ है. खुदा मुझे मरने नहीं देना चाहता था."
महिला के रेस्क्यू मुहिम में शामिल कुछ अन्य लोगों ने भी वीडियो को फेसबुक पर शेयर किया है. जिसमें उन्हें महिला को पानी की पेशकश करते और उसके चलने में मददगार बनते हुए देखा जा सकता है.
दो साल पहले लापता महिला बहती हुई मिली
महिला की पहचान उजागर होने के बाद उसकी पृष्ठभूमि से पर्दा उठा. उसने एक रेडियो को बताया कि उसे पूर्व पति के हाथों कई सालों तक घरेलू हिंसा का शिकार बनना पड़ा था. जिससे तंग आकर उसने 2018 में भागने का फैसला किया. महिला ने कहा, "20 सालों तक मैं बुरे रिलेशनशिप में थी. गाली गलौच का दौर मेरी पहली प्रेग्नेंसी के दौरान शुरू हुआ. मेरा पार्टनर गाली देने के अलावा मारता-पीटता भी था. दूसरी प्रेग्नेंसी में उसकी तरफ से दुर्व्यवहार का सिलसिला जारी रहा. मैं अपनी छोटी बच्चियों की वजह से उससे पीछा नहीं छुड़ा सकी."
उसने बताया कि पुलिस में शिकायत करने का भी कोई फायदा नहीं हुआ क्योंकि उसे 24 घंटों के लिए ही हिरासत में रखा जाता. उसके बाद वापस आकर फिर हमलावर बन जाता. 2018 में उसके पति ने उसका चेहरा खराब कर दिया और जान से मारने की कोशिश भी की. आए दिन घरेलू हिंसा का जब बर्दाश्त से बाहर हो गया तो घर से भागकर छह महीनों तक भटकना पड़ा. मगर फिर भी कोई बेहतर जगह का विकल्प नहीं मिला.
महिला ने कहा, "जब कोई सहारा नहीं मिला तो मैं ऐसी जिंदगी जीना नहीं चाहती थी. सब कुछ खत्म कर देना चाहती थी. मेरे पास किसी ने यहां तक की परिवार के लोगों ने भी मदद नहीं की क्योंकि पूर्व पति समाज से मुझे दूर कर देता था. इसलिए मैं जीवित नहीं रहना चाहती थी." उसने बताया कि उसने 'समुद्र में कूदने' का फैसला किया. मगर उसे कुछ भी याद नहीं है क्योंकि उससे पहले ही बेहोश हो गई थी. महिला ने कहा, "समुद्र के बीच से रेस्क्यू करनेवाले शख्स ने मुझे बताया कि मैं बेहोशी की अवस्था में बह रही थी".
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