व्लादिमीर पुतिन देंगे भारतीयों को बड़ा तोहफा, साल 2025 से इंडियन्स के लिए रूस में वीजा फ्री एंट्री!
Russia visa-free travel for Indians: भारतीय अगस्त 2023 से रूस यात्रा के लिए ई-वीजा के लिए एलिजिबल हैं. हालांकि ई वीजा जारी होने में लगभग चार दिन लगते हैं.
India Russia Realation: भारत और रूस के बीच दोस्ताना संबंध आज पूरी दुनिया में चर्चा का विषय है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अक्सर दोनों देशों के रिश्तों को पहले से बेहतर और मजबूत बनाने को लेकर चर्चा होती रहती है. अब रूस एक बार फिर दोस्ताना संबंध की मिसाल प्रस्तुत करते हुए भारतीयों को बड़ा तोहफा देने वाला है. साल 2025 में भारतीय रूस की वीज़ा-मुक्त यात्रा कर सकेंगे.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस के नए वीजा नियम लागू होने के बाद भारतीय बिना वीजा के रूस जा सकते हैं. इससे पहले जून में कई, रिपोर्ट सामने आई थीं कि रूस और भारत ने एक-दूसरे के लिए वीज़ा प्रतिबंधों को कम करने के लिए द्विपक्षीय समझौते पर चर्चा की है. बता दें कि भारतीय अगस्त 2023 से रूस की यात्रा करने के लिए ई-वीजा के लिए एलिजबल हैं. हालांकि ई वीजा जारी होने में लगभग चार दिन लगते हैं.
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल जारी किए गए ई-वीजा की संख्या के मामले में भी भारत ने शीर्ष पांच देशों में अपनी जगह बनाई. रूस ने भारतीय यात्रियों को 9,500 ई-वीजा दिए हैं.
अधिकतर, भारतीय व्यवसाय या यात्रा के लिए रूस जाते हैं. 2023 में रिकॉर्ड 60,000 से अधिक भारतीयों ने मास्को की यात्रा की, जो 2022 की तुलना में 26 प्रतिशत अधिक है. गैर-सीआईएस देशों में भारत तीसरे स्थान पर है जहां से सबसे अधिक लोग रूस की यात्रा करते हैं. 2024 की पहली तिमाही में ही लगभग 1,700 ई-वीजा जारी किए गए थे.
अभी किन देशों को वीजा फ्री एंट्री
रूस वर्तमान में अपने वीज़ा-मुक्त पर्यटक विनिमय कार्यक्रम के माध्यम से चीन और ईरान के यात्रियों को वीज़ा-मुक्त प्रवेश की अनुमति देता है. अब भारत के साथ भी रूस वीजा मुक्त यात्रा पर विचार कर रहा है.
भारत रूस की दोस्ती से अमेरिकी को लगी मिर्ची
भारत रूस की दोस्ती से अमेरिका हमेशा नाराज रहता है. हाल ही में निक्की हेली ने कहा था कि भारत रूस के साथ साझेदारी करता है, क्योंकि उसे अमेरिकी नेतृत्व पर भरोसा नहीं है. हेली ने कहा,"भारत हमारे साथ भागीदार बनना चाहता है. वे रूस के साथ भागीदार नहीं बनना चाहते हैं. समस्या यह है कि भारत को हमारी जीत पर भरोसा नहीं है. उन्हें हमारे नेतृत्व पर भरोसा नहीं है. वे हमें कमजोर मानते हैं.''