Erdogan-Putin Talk: तुर्किए के राष्ट्रपति एर्दोगन को पुतिन की 'धमकी', कहा- मांगें पूरी नहीं हुई तो...
Vladimir Putin : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने सोमवार को तुर्किए के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन से मुलाकात की. जहां उन्होंने काला सागर अनाज समझौते के लिए कुछ शर्त रखी हैं.
Erdogan-Putin Meet: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने सोमवार को तुर्किए के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन से मुलाकात की. जहां रूसी राष्ट्रपति ने रेचेप तैय्यप एर्दोगन के सामने कहा कि रूस काला सागर अनाज समझौते के लिए तैयार है लेकिन पश्चिमी देशों को रूसी शर्तें माननी होंगी. बता दें कि एर्दोगन ने यूक्रेन को अपने अनाज का सुरक्षित तरीके से निर्यात करने की अनुमति देने वाले मूल समझौते में संयुक्त राष्ट्र के साथ मध्यस्थता की, जहां पुतिन अपनी बात पर अड़े रहे.
न्यूज एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, व्लादिमिर पुतिन ने एर्दोगन से कहा कि वो सिर्फ उसी सूरत में काला सागर अनाज समझौते के लिए तैयार होंगे, जब पश्चिमी देश उनकी शर्तें मान लें. उन्होंने कहा कि जब तक पश्चिमी देश उसकी शर्तें नहीं मानते, वह अनाज सौदा नहीं करेंगे. एर्दोगन से वार्ता के बाद पुतिन ने कहा कि रूस 6 अफ्रीकी देशों को मुफ्त अनाज देने के समझौते के बेहद करीब हैं. गौरतलब है कि पिछले साल भी तुर्किए के राष्ट्रपति एर्दोगन ने पुतिन को काला सागर अनाज समझौते के लिए मनाया था.
दुनिया भर के लिए बेहद जरुरी है यह समझौता
तुर्किए के राष्ट्रपति से हुई ख़ास मुलाकात के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने कहा कि हमने वादा किया था कि मिडिल ईस्ट और अफ्रीका को रूस फूड प्रोडक्ट्स सप्लाई करेगा और हम इस वादे पर कायम हैं. बता दें कि रूस और यूक्रेन गेहूं और सनफ्लॉवर ऑयल के सबसे बड़े सप्लायर हैं. वहीं, काला सागर अनाज निर्यात समझौता एक ऐसा सौदा है जो यूक्रेन का अनाज विश्व बाजार में लाकर वैश्विक खाद्य संकट घटा सकता है. विशेष रूप से अफ्रीका, पश्चिम एशिया और एशिया में आपूर्ति के लिए अनाज निर्यात समझौता को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
जुलाई में समझौते को आगे बढ़ाने से किया था इंकार
बता दें कि रूस ने जुलाई में समझौते को आगे बढ़ाने से मना कर दिया था. रूस ने तब साफ कर दिया था कि रूस अब इस डील को एकतरफा तौर पर खत्म कर रहा ह. इसके साथ ही पुतिन ने स्पष्ट कर दिया था कि अगर इन प्रतिबद्धताओं का सम्मान किया जाता है तो रूस आने वाले दिनों में समझौते में शामिल हो सकता है. हालांकि उन्होंने कहा कि रूस 10 लाख मीट्रिक टन सस्ता अनाज गरीब देशों में आपूर्ति के लिए तुर्किये को भेजेगा.
रूस ने क्यों खत्म किया डील
यूक्रेन के साथ जारी जंग के बीच रूस पश्चिमी देशों के रवैये से खफा है. पश्चिमी देशों ने रूस पर कई तरह की पाबंदियां लगाई हैं, उसकी वजह से रूस ने दावा किया है कि कृषि क्षेत्र पर गंभीर असर पड़ा है. ऐसे में रूस की मांग है कि पश्चिमी देशों की तरफ सेलगाई गईं इन पाबंदियों को खत्म करना होगा.
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