Russia-Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म कराने के लिए की जा रहीं अब तक की तमाम कोशिशें असफल रही हैं. इस बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को दुनिया के सबसे बड़े तानाशाह का साथ मिल गया है. उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग उन ने यूक्रेन युद्ध में अपने सैनिकों को उतारने का फैसला लिया है.
उत्तर कोरिया की ओर से रूस का साथ देने के लिए सैनिकों की एक बड़ी फौज भेजी गई है. किम जोंग उन के इस फैसले से अमेरिका और नाटो (NATO) घबरा गया है. अमेरिका और नाटो ने उत्तर कोरिया के सैनिकों को रूस भेजने के फैसले पर नाराजगी जताई है.
यूक्रेन की सीमा पर तैनात किए जा चुके हैं उत्तर कोरियाई सैनिक
अमेरिका और नाटो की ओर से रूस-यूक्रेन युद्ध के भविष्य में निकलने वाले गंभीर परिणामों को लेकर चिंता जताई गई है. नाटो के सेकेट्री जनरल मार्क रूटे ने पुष्टि की है कि यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ने के लिए उत्तर कोरियाई सैनिक रूस भेजे जा रहे हैं और कुछ सैनिकों की तैनाती भी हो चुकी है.
अगस्त में कुर्स्क इलाके में यूक्रेनी सेना के धावा बोलने के बाद ये तैनाती सामने आई है. अमेरिकी रक्षा विभाग का कहना है कि उत्तर कोरिया ने अगले कुछ हफ्तों में यूक्रेन में लड़ने के लिए लगभग 10,000 सैनिक रूस भेजे हैं. मार्क रूटे ने इसे विवाद को खतरनाक तरीके से बढ़ाने की कोशिश बताया.
रूस कर सकता है इन सैनिकों का युद्ध में इस्तेमाल
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने उत्तर कोरिया के सैनिकों की रूस में तैनाती को खतरनाक बताया है. पेंटागन की ओर से सबरीना सिंह ने कहा कि कुर्स्क में रूस उत्तर कोरियाई सैनिकों का युद्ध में इस्तेमाल कर सकता है. उन्होंने कहा कि इन सैनिकों की बड़ी तादात पहले से ही यूक्रेन के करीब तैनात कर दी गई है.
वहीं, वर्तमान हालातों को देखकर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने अपने सहयोगी देशों से सैन्य समर्थन की मांग की है. इसके साथ ही कीव की ओर से रूस में अंदर तक जाकर हमले किए जाने की भी मांग की गई है.
पुतिन ने पश्चिमी देशों के हथियारों के इस्तेमाल पर दी वॉर्निंग
इससे पहले रूस ने यूक्रेन को पश्चिमी देशों के लंबी दूरी तक मार करने वाले हथियारों के इस्तेमाल को लेकर चेतावनी जारी की थी. रूस ने कहा था कि अगर यूक्रेन इन हथियारों का इस्तेमाल करता है तो उसे इसके गंभीर नतीजे भुगतने होंगे.
ये भी पढ़ें:
इस देश में महिलाओं को ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए किए जा रहे फोन, सरकार ने क्यों लिया फैसला