Russia Nuclear attack Threat: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन युद्ध के बीच न्यूक्लियर बम की धमकी दे डाली है. जिसे पश्चिमी देशों में हड़कंप मच गया है. अब पुतिन के बयान पर एक्सपर्ट्स का कहना है कि वो यूक्रेन समेत नाटो समूह में शामिल देशों के खिलाफ परमाणु हमले को लेकर तैयारी कर रहे हैं. इसको ध्यान में रखते हुए रूस ने अपने परमाणु कार्यक्रमों में कई बदलाव भी किए हैं, जिसमें सबसे ज्यादा गौर करने वाली बात ये है कि उन्होंने कहा कि अगर उन्हें (रूस) को कहीं से भी कोई खतरा महसूस होता है तो वो अपनी रक्षा के लिए न्यूक्लियर हमला कर सकते हैं.
बता दें कि इस वक्त रूस के पास 5,580 परमाणु हथियार हैं और उसने 1710 एटम बमों को तैनात कर रखा है. इनको चलाने के लिए R-36 intercontinental missile, न्यूक्लियर पावर से चलने वाले टारपीडो पोसाइडन इसके अलावा सबमरी के मदद से दागी जाने वाली बुलावा मिसाइल और टोपोल एम मोबाइल intercontinental missile मौजूद है. जो हमला करने और किसी भी अटैक से बचने के लिए कारगर साबित हो सकते हैं.
पुतिन न्यूक्लियर बम की धमकी देने को क्यों हुए मजबूर?
रूस के राष्ट्रपति पुतिन को न्यूक्लियर बम से जुड़ी चेतावनी इसलिए देनी पड़ी क्योंकि हाल ही में अमेरिका और ब्रिटेन ने यूक्रेन को स्टॉर्म शैडो क्रूज मिसाइल इस्तेमाल करने की खुली छूट दे दी है. जो 500 किमी दूर तक हमला कर सकती है. इसका मतलब अगर यूक्रेन जारी युद्ध में इसका यूज रूस के अंदरूनी इलाकों के लिए करता है तो इससे हालात बिगड़ सकते हैं. हालांकि, पूर्व में यूक्रेन क्रूज मिसाइल का इस्तेमाल महज रूस की सीमा तक ही करता रहा है. इस वजह से पुतिन ने यूक्रेन के साथ-साथ अमेरिका समेत सारे नाटो देश को अपने टारगेट पर रख लिया है.
पुतिन के फैसले पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
कनाडा के क्वीन्स विश्वविद्यालय में फेलो मैक्सिम स्टारचाक ने बताया कि पुतिन की योजना परमाणु हथियारों के इस्तेमाल करने की सीमा को कम करने की है, ताकि परमाणु हथियारों का यूज अधिक व्यावहारिक रूप से किया जा सके. यह बदलाव पुतिन के बढ़ते राजनीतिक विकल्पों की कमी का संकेत देता है, खासकर ढाई साल से चले आ रहे यूक्रेन युद्ध के बाद. विश्लेषकों का मानना है कि पुतिन के पास अब तीन सीमित विकल्प बचे हैं. जो इस प्रकार है.
- परमाणु धमकियों को जारी रखना: पुतिन बार-बार पश्चिमी देशों और यूक्रेन के खिलाफ परमाणु हमले की धमकियां दे चुके हैं, जिन्हें पश्चिमी देश अब तक गंभीरता से नहीं ले रहे.
- परमाणु बम का वास्तविक इस्तेमाल: यह विकल्प पुतिन के लिए अत्यंत जोखिम भरा है, क्योंकि इसका नतीजा ग्लोबल लेवल पर काफी विनाशकारी हो सकता है.
- हाइब्रिड वॉर: जिसमें साइबर अटैक, आर्थिक बैन और अन्य गैर-परंपरागत तरीकों का इस्तेमाल शामिल है.
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