व्लादीमीर पुतिन ने संवैधानिक सुधारों का किया एलान, PM मेदवेदेव ने दिया इस्तीफा
व्लादीमीर पुतिन ने संवैधानिक सुधार का एलान किया है. इस एलान के बाद रूस के प्रधानमंत्री दमित्रि मेदवेदेव ने कहा कि प्रस्तावों से देश में सत्ता संघर्ष में महत्वपूर्ण बदलाव होंगे और इसलिए सरकार अपने मौजूदा स्वरूप से इस्तीफा देती है.
मॉस्को: रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने कई संवैधानिक सुधारों का एलान किया है. इसी के ठीक बाद रूस में सरकार ने एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में इस्तीफा दे दिया. रूसी राष्ट्रपति के साथ टेलीविजन पर प्रसारित एक बैठक में प्रधानमंत्री दमित्रि मेदवेदेव ने कहा कि प्रस्तावों से देश में सत्ता संघर्ष में महत्वपूर्ण बदलाव होंगे और इसलिए “सरकार अपने मौजूदा स्वरूप से इस्तीफा देती है.”
न्यूज़ एजेंसी एएफपी के मुताबिक, मेदवेदेव के इस्तीफे के बाद राष्ट्रपति ने टैक्स चीफ रहे मिखाइल मिशुस्तिन का नाम नए पीएम के लिए आगे बढ़ाया है. मेदवेदेव ने इस्तीफा देते हुए कहा, “हमें देश के राष्ट्रपति को उन संभावनाओं का अवसर मुहैया कराना चाहिए कि वह बदलावों के लिये सभी जरूरी कदम उठा सकें. अगले सभी फैसले राष्ट्रपति द्वारा लिये जाएंगे.”
Russia's Federal Tax Service Chief Mikhail Mishustin is all set to be the new PM of #Russia. President Vladimir Putin announced major changes for the Russian Govt after his State of Nation address earlier today. pic.twitter.com/tOyyEgtGdB
— Pranay Upadhyaya (@JournoPranay) January 15, 2020
पुतिन ने कहा कि वह अगली सरकार की नियुक्ति तक सरकार के प्रमुख मेदवेदेव बने रहें. पुतिन ने कहा, “जो कुछ भी किया गया, जो कुछ भी हासिल किया गया उसके नतीजों पर संतुष्टि जताने के लिये मैं आपका शुक्रिया अदा करता हूं. सब कुछ नहीं किया जा सका, लेकिन सब कुछ कभी होता भी नहीं है.” उन्होंने सुरक्षा परिषद के उप प्रमुख का पद बनाए जाने का भी प्रस्ताव दिया और ऐसे संकेत हैं कि मेदवेदेव यह पद संभालेंगे.
इससे पहले पुतिन ने बुधवार को रूस के संविधान से जुड़े कई सुधारों के लिये रायशुमारी का प्रस्ताव दिया था जिससे संसद की भूमिका मजबूत होगी. इन बदलावों में संसद को प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सदस्य चुनने का अधिकार शामिल होगा, जबकि मौजूदा व्यवस्था में यह राष्ट्रपति के पास है.
राष्ट्रपति के रूप में व्लादीमीर पुतिन का चौथा कार्यकाल 2024 में खत्म हो रहा है और मौजूदा संविधान के नियमों के मुताबिक वो अगली बार राष्ट्रपति नहीं हो सकते हैं. ऐसी चर्चा है कि कि अगर रूस के संविधान में ये बदलाव लागू होते हैं, तो राष्ट्रपति पुतिन सत्ता में लंबे समय तक बने रहेंगे.
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