Russia-Ukraine War: रूसी सेना के हाथों में आने वाली है अब नई हाइपरसोनिक मिसाइलें, यूक्रेन को तबाह कर सकते हैं पुतिन !
Russia-Ukraine War: रूस ने पहले भी हाइपरसोनिक मिसाइलों का इस्तेमाल कर चुका है. सेना ने किंजल नाम के हाइपरसोनिक मिसाइलों का इस्तेमाल इसी साल मार्च में यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में किया था.
Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे लड़ाई को 200 दिन से ज्यादा हो चुके हैं. इसी बीच इंटरफैक्स समाचार एजेंसी ने रूस के कमांडिंग ऑफिसर का हवाला देते हुए सोमवार (26 दिसंबर) को बताया कि रूस के वायु सेना को जल्द ही नई हाइपरसोनिक मिसाइलों से लैस किया जाएगा.
इंटरफैक्स ने कमांडर सर्गेई कोबिलाश का हवाला देते हुए कहा कि लंबी रेंज वाली मिसाइल के सीरिज में नई क्रूज हाइपरसोनिक मिसाइलों को जोड़ने की कोशिश की जा रही है. लंबी रेंज वाली मिसाइल रूस के परमाणु तिकड़ी का हिस्सा है.
रूस पहले भी हाइपरसोनिक मिसाइलों कर चुका है इस्तेमाल
रूस पहले भी हाइपरसोनिक मिसाइलों का इस्तेमाल कर चुका है. सेना ने किंजल नाम के हाइपरसोनिक मिसाइलों का इस्तेमाल इसी साल मार्च में यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में किया था. उस दौरान मिसाइलों का इस्तेमाल पश्चिमी यूक्रेन में एक हथियारों के गोदाम को तबाह करने के लिए किया गया था. रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि उन्होंने हाइपरसोनिक एरोबॉलिस्टिक मिसाइलों के साथ किंजल एविएशन मिसाइल सिस्टम का इस्तेमाल किया. यूक्रेन में स्थित इवानो-फ्रैंकिवस्क क्षेत्र के डेलियाटिन गांव में हमला किया गया था. इस हमले का मकसद मिसाइलों और गोला-बारूद वाले एक बड़े अंडरग्रांउड गोदाम को नष्ट करना था. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने किंजल (डैगर) मिसाइल को "एक आइडल वेपन" करार दिया था.
हाइपरसोनिक मिसाइल क्या है?
एक हाइपरसोनिक हथियार को किसी भी मिसाइल के रूप में कैटिगराइज किया जाता है, जो ध्वनि की गति से कम से कम पांच गुना तेज या मैक 5 (लगभग 3,836 मील प्रति घंटा) या तेज गति से ट्रेवल करता है, जिसका अर्थ है कि वे लगभग एक मील प्रति सेकंड की यात्रा कर सकते हैं. वे मध्य उड़ान की दिशा भी बदल सकते हैं, जिससे वे पारंपरिक मिसाइलों के विपरीत एक दुर्जेय राजनीतिक हथियार बन जाते हैं और अवरोधन करना लगभग असंभव हो जाता है.