Ukraine-Russia: रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई शुरू हुए 1 साल के हो चुके हैं. इस दौरान दोनों देशों के हजारों सैनिकों की जान चली गई है. इसकी वजह से दुनिया के बड़े-बड़े नेता लड़ाई को रोकने के लिए पहल भी कर चुके हैं. हालांकि, इस सब के बावजूद भी सुलह का कोई रास्ता नहीं निकल पाया है. इसी बीच आज गुरुवार (5 जनवरी) को एएफपी मीडिया के मुताबिक रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने तुर्की राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन को बताया है कि वो यूक्रेन से बात करने को लेकर राजी हैं. हालांकि वो बात तब करेंगे जब कीव में कब्जा की गई जमीन रूस को देने के लिए यूक्रेन तैयार हो जाए.
एएफपी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुतिन ने दोबारा अपनी बात को दोहराते हुए कहा कि रूस खुले मन से बात करने को तैयार है. हालांकि, इसको लेकर यूक्रेन को कीव वाले मुद्दें पर ध्यान देना होगा. रूसी सैनिकों ने बड़े लेवल पर यूक्रेन के इस्ट पार्ट और साउथ पार्ट में जमीन कब्जा कर लिया है.
तुर्की के दोनों देशों से अच्छे संबंध
तुर्की के रूस और यूक्रेन दोनों देशों से अच्छे संबंध हैं. तुर्की दोनों देशों के बीच युद्ध को रोकने के लिए मध्यस्थता का काम कर सकता है. इससे पहले तुर्की ने शांति वार्ता करते हुए यूएन के उस फैसले को पलट दिया था, जिसमें ब्लैक सी के रास्ते से यूक्रेन में अनाज को ले जाने से रोका गया था. तुर्की राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन हमेशा से पुतिन और जेलेंस्की के बीच शांति वार्ता करने की कोशिश कर चुके हैं.
पश्चिमी राज्यों ने यूक्रेन को सपोर्ट किया है
रूसी क्रेमलिन का दावा है कि उसने दोनेत्स्क, लुगांस्क, ज़ापोरिज़्ज़िया और खेरसॉन क्षेत्रों को पूरी तरह से नियंत्रित न करने के बावजूद उन पर कब्जा कर लिया है. विदेशी मीडिया के मुताबिक रूसी बयान में कहा गया है कि पश्चिमी राज्यों ने विनाशकारी भूमिका पर पूरजोर सपोर्ट दिया है. इसके चलते पश्चिमी राज्यों ने कीव शासन को हथियारों और आर्मी समानो से भरपूर मदद किया गया है और कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां और टारगेट भी बताया है.
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