Russia-China: पुतिन और जिनपिंग ने वीडियो कॉन्फ्रेंस पर की बात, चीनी राष्ट्रपति को मास्को आने का दिया न्योता
Russia-China Relation: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शी जिनपिंग को साल 2023 में मॉस्को आने के लिए न्योता दिया. एक-दूसरे की मदद करने का भी भरोसा जाताया.
Russia-China: रूस और यूक्रेन की बीच हो रहे युद्ध को 200 दिन से ऊपर हो चुके हैं. इस दौरान दोनों देश के राष्ट्रपति अपने-अपने मित्र देशों के साथ समय-समय पर बातचीत करते हैं या मिलते हैं. आज शुक्रवार (30 दिसंबर) को राष्ट्रपति पुतिन और शी जिनपिंग के बीच वीडियो कॉल के जरिए बात हुई. वीडियो कॉल में बातचीत के दौरान दोनों देशों के राष्ट्रपति ने आर्मी के बीच संबंध को बढ़ाने पर जोर दिया.
शी जिनपिंग के चीन में लगातार तीसरी बार जीत हासिल करने पर पुतिन ने बधाई दी. चीनी राष्ट्रपति ने अपनी बात के दौरान ये साफ किया कि हम एक-दूसरे को आर्मी सहायता पहुंचाएंगे. इससे पहले पुतिन और शी जिनपिंग कि मुलाकात सितंबर के महीने में उज्बेकिस्तान में हुई थी. वीडियो कॉल के दौरान पुतिन ने शी जिनपिंग को डियर फ्रेंड कहते हुए पुकारा.
मास्को आने का दिया न्योता
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शी जिनपिंग को साल 2023 में बसंत के मौके पर मास्को आने के लिए न्योता दिया. दोनों नेताओं के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि रूस-चीन के संबंधों के और स्थिरता लाने की जरूरत है, जिसके लिए हम एक-दूसरे की मदद करेंगे. व्लादिमीर पुतिन ने यह भी कहा कि रूस चीन के तेल और गैस के प्रमुख आपूर्तिकर्ताओं में से एक है, क्योंकि रूस ने 2022 के पहले 11 महीनों में पावर ऑफ साइबेरिया पाइपलाइन के के मदद से चीन को करीब 13.8 बिलियन क्यूबिक मीटर गैस भेजी. पिछले महीने रूस ने सऊदी अरब को पछाड़कर चीन का टॉप ऑयल सप्लायर बना था.
रूस और चीन की परेशानी
इस समय दुनिया के ताकतवर देशों में एक रूस और चीन बहुत ही ज्यादा संकट के दौर से गुजर रहे है. एक तरफ जहां चीन फिर से कोरोना महामारी की जाल में फंसा है, वहीं दूसरी ओर रूस यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध के बाद से लगी आर्थिक पाबंदियों से लगातार जूझ रहा है. विदेशी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन युद्ध ने रूस के लिए चीन की अहमियत को और भी बढ़ा दिया है.