Russia Wagner Rebel: यूक्रेन के साथ पिछले 15 महीनों से ज्यादा समय से युद्ध कर रहे रूस के लिए वैगनर ग्रुप की बगावत से अचानक मुश्किल खड़ी हो गई है. वैगनर भाड़े के सैनिकों का एक समूह है. येवगेनी प्रिगोझिन इसके प्रमुख हैं. वैगनर समूह का आधिकारिक नाम 'पीएमसी वैगनर' है. पीएमसी का मतलब प्राइवेट मिलिस्ट्री कंपनी से है. इसका मुख्यालय रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में है.


प्रिगोझिन को कभी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का बेहद विश्वासपात्र माना जाता था. अब प्रिगोझिन मॉक्सो की ओर अपने लड़ाकों के साथ बढ़ रहे हैं. हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि येवगेनी प्रिगोझिन ने अपने सैनिकों को वापस बेस पर लौटने का आदेश दिया है. 


वैगनर प्रमुख ने रोस्तोव ऑन डॉन शहर पर कब्जा करने का दावा किया है. रूस ने वैगनर से निपटने की पूरी तैयारी की है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रिगोझिन के लड़ाकों पर हवाई हमले किए गए हैं.


फिलहाल मॉस्को से करीब दो सौ किलोमीटर की दूरी पर वैगनर के लड़ाकों के होने की खबर है. रूसी राष्ट्रपति ने प्रिगोझिन पर देशद्रोह का आरोप लगाया है और विद्रोह को कुचलने की कसम खाई है. वहीं प्रिगोझिन ने कहा है कि उनका कदम 'विद्रोह' नहीं, बल्कि न्याय के लिए मार्च है. आखिर वैगनर ग्रुप पुतिन के खिलाफ क्यों हो गया और यूक्रेन के लिए इसका क्या मतलब है?


एक दशक पहले बोए गए थे बगावत के बीज!


द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, वैगनर की ओर से की जा रही मौजूदा बगावत के बीज करीब एक दशक पहले तब बोए गए थे जब रूस ने अवैध रूप से क्रीमिया प्रायद्वीप पर कब्जा कर लिया था. रूस ने पूर्वी यूक्रेन में छद्म सेनाएं भेजी थीं. इसके बाद प्रिगोझिन ने वैगनर समूह की स्थापना की, जिसने पुतिन को ज्यादा सक्रिय सैन्य हस्तक्षेप मुहैया कराया. 


रिपोर्ट के मुताबिक, प्रिगोझिन ने कीबोर्ड ट्रोल्स वाली एक सेना भी तैयार की. उस पर आरोप लगा कि अमेरिका के 2016 के चुनाव में उसने अपने डिजिटल लड़ाकों के माध्यम से हस्तक्षेप किया था और डोनाल्ड ट्रंप सत्ता में आ गए थे. पिछले साल तक प्रिगोझिन ने उन पत्रकारों पर मुकदमा दायर किया जिन्होंने उसे ऐसी गतिविधियों से जोड़ा था. उन्होंने जोर देकर कहा था कि वह केवल कैटरिंग और हॉस्पिटैलिटी के पेशे में है.


कैसे शुरु हुई प्राइवेट आर्मी?


प्रिगोझिन ने अफ्रीका, मध्य पूर्व और हाल में यूक्रेन में वर्षों के दखल के बाद वैगनर को ताकतवर समूह के रूप में विकसित किया है. प्रिगोझिन के लड़ाकों ने सबसे पहले सीरिया में खुद को एक दुर्जेय लड़ाकू बल के रूप में स्थापित किया. बशर अल-असर को मॉस्को के समर्थन में वैगनर ने प्रमुख भूमिका निभाई थी.


वैगनर ने एक पैटर्न स्थापित किया, जिसे यूक्रेन में भी लागू किया जा सकता है. सजा से मुक्ति यानी आजादी के वादे के साथ युद्ध अपराधियों की सेना बनाई गई है. युद्ध अपराधों के ये आरोपी पहले से भारी परेशानी उठा रहे हैं और कमांडरों के अधीन अपने आदमियों की बलि देने से नहीं डरते हैं.


वैगनर सैनिकों ने बाद में रूस को फायदा पहुंचाने वाले मिशन के तहत पूरे अफ्रीका में लड़ाई लड़ी. इन जगहों में माली, मध्य अफ्रीकी गणराज्य और सूडान शामिल हैं. पश्चिमी खुफिया विश्लेषकों के मुताबिक, प्रिगोझिन को पिछले साल जेलों में भर्ती करने की अनुमति दी गई थी, जिसके चलते उसने अपने लड़ाकों की संख्या बढ़ाकर 50 हजार कर ली. 


पुतिन के खिलाफ क्यों हो गए प्रिगोझिन?


प्रिगोझिन के तौर-तरीके ने वर्षों तक रूस की पारंपरिक सेना के साथ तनाव बनाए रखा लेकिन हाल के महीनों में झगड़ा गहरा हो गया. प्रिगोझिन ने रूसी सेना के शीर्ष जनरलों पर उनके लड़ाकों को गोला-बारूद और अन्य आपूर्ति से वंचित करके उन्हें मरने के लिए छोड़ने का आरोप लगाया. इन आरोपों के साथ प्रिगोझिन ने सार्वजनिक अभियान भी चलाया. वैगनर लड़ाकों के दर्जनों शवों के साथ एक वीडियो रिकॉर्ड किया गया.


यूक्रेन के बखमुत पर रूस का कब्जा कराने के लिए हुई लड़ाई में वैगनर के सैकड़ों लड़ाकों की जानें गईं. प्रिगोझिन के मुताबिक, रूसी जनरलों ने जानबूझकर हथियारों की सप्लाई में कमी की है. प्रिगोझिन ने रूसी सेना की खामियों और नाकामियों को विस्तार से बताने वाले वीडियो सोशल मीडिया पर डाले. 


शुक्रवार (23 जून) को प्रिगोझिन का एक लंबा वीडियो सामने आया, जिसमें उन्होंने कहा कि अगर रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु और वालेरी गेरासिमोव से उनकी आमने-सामने मुलाकात नहीं कराई जाती है तो वह एक हजार मील का सफर करके मॉस्को पहुंच जाएंगे. उन्होंने रूसी नागरिकों से कहा कि जंग की पूरी कहानी ही झूठी है. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने व्यक्तिगत तरक्की के लिए रास्ता बनाते हुए रूस की जनता और राष्ट्रपति को धोखा दिया.


उन्होंने यूक्रेन में लड़ रहे रूसी सैनिकों के साथ उनकी कोई दुश्मनी नहीं होने बात कही है, हालांकि, उन्होंने कहा कि लड़ाई उन लोगों से है जो नेतृत्व का हिस्सा हैं. उन्होंने कहा कि कई जनरलों ने शांत रहने को कहा है लेकिन अब इसमें देरी हो चुकी है.


पुतिन के खिलाफ वैगनर के विद्रोह का यूक्रेन के लिए क्या मतलब?


ज्यादातर जानकारों का मानना है कि प्रिगोझिन के विफल होने की संभावना ज्यादा है. हालांकि, पुतिन के खिलाफ उनका विद्रोह यूक्रेन को फायदा ही पहुंचाएगा. इस बीच कीव ने अपने जवाबी हमले तेज कर दिए हैं. जिसके चलते रूसी सेना और उसके हथियारों को दूर शिफ्ट किया जा रहा है. 


इस बीच प्रिगोझिन ने कहा है कि वह नहीं चाहते हैं कि रूस-यूक्रेन जंग के प्रयास प्रभावित हों लेकिन रूसी जनरलों को कम से कम अभी के लिए घरेलू घटनाक्रम पर ध्यान केंद्रित करने के लिए लगाया जाएगा. भले ही यह लड़ाई सीमित हो. 


उधर चेचन लड़ाके कथित तौर पर पहले ही रोस्तोव की ओर बढ़ रहे हैं. वैगनर ने इस इलाके स्थित सैन्य मुख्यालय पर कब्जा करने का दावा किया है. इलाके में होने वाली कोई भी लड़ाई जिंदगियों, हथियारों और समय को बर्बाद करेगी. मॉस्को में जो भी नियंत्रण स्थापित करे, उसे यूक्रेन में लड़ने की कोशिश करते वक्त घरेलू स्तर पर ताकत और अधिकार बढ़ाने पड़ेंगे.


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