कीव: यूक्रेन और रूस "लगातार" ऑनलाइन शांति वार्ता कर रहे हैं, लेकिन बुचा शहर में नागरिकों की मौत सहित अन्य घटनाओं से बातचीत का ‘मूड’ प्रभावित हुआ है.  यूक्रेनी वार्ताकार मायखाइलो पोडोलीक ने यह बात शुक्रवार को टेलीविजन टिप्पणियों में कही.


बता दें यूक्रेन के अधिकारियों ने रूसी सैनिकों पर कीव के बाहर बुचा में नरसंहार और युद्ध अपराधों को अंजाम देने का आरोप लगाया है. मॉस्को ने यूक्रेन में नागरिकों को निशाना बनाने से इनकार किया है और कहा है कि बुचा  में हुई मौतें एक "राक्षसी जालसाजी" थीं,  जिसे पश्चिम ने बदनाम करने के लिए किया था.


यूएनएचआरसी से रूस निलंबित
इससे पहले संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व की शीर्ष मानवाधिकार संस्था से रूस को गुरुवार को निलंबित कर दिया. यूक्रेन में रूसी सैनिकों द्वारा मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन करने के आरोपों से जुड़े इस प्रस्ताव को पारित किया गया.


संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) से रूस को निलंबित करने के लिए अमेरिका द्वारा लाये गये एक प्रस्ताव को पारित करने के लिए 193 सदस्यीय महासभा (यूएनजीए) में इसके (प्रस्ताव के) पक्ष में 93 मत पड़े, जबकि भारत सहित 58 देश अनुपस्थित रहे. ‘मानवाधिकार परिषद में रूसी संघ की सदस्यता के निलंबन अधिकार’ शीर्षक वाले प्रस्ताव के खिलाफ 24 मत पड़े.


यूक्रेन के विदेश मंत्री दमित्रो कुलेबा ने ट्वीट किया कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से रूस को अभी-अभी निलंबित कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि युद्ध अपराधियों के लिए संरा की संस्थाओं में कोई जगह नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘सभी सदस्य देशों का आभारी हूं जिन्होंने संबंधित यूएनजीए प्रस्ताव का समर्थन किया और इतिहास में सही पक्ष के साथ खड़े हुए. ’’


बुचा शहर की तस्वीरें आने के बाद रूस के खिलाफ शुरू हुआ अभियान
रूसी सैनिकों द्वारा यूक्रेन के बुचा शहर में की गई नागरिकों की हत्याओं की तस्वीरें एवं वीडियो सामने आने के बाद अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने 47 सदस्यीय मानवाधिकार परिषद से रूस को निलंबित करने का अभियान शुरू किया था.


उल्लेखनीय है कि रूस दूसरा देश है जिसकी यूएनएचआरसी सदस्यता छीन ली गई है. महासभा ने 2011 में लीबिया को परिषद से निलंबित कर दिया था.


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