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बंधकों की रिहाई, राफा क्रॉसिंग पर कंट्रोल... गाजा में सीजफायर के लिए हमास-इजरायल को माननी होंगी ये शर्तें

हमास और इजरायल के बीच समझौते में कतर मुख्य मध्यस्थ है. मीडिएटर्स ने बताया कि दोनों समझौते के बहुत करीब हैं.

फिलिस्तीन के गाजा में हमास और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष को डेढ़ साल से भी ज्यादा बीत चुका है. इस युद्ध में हजारों लोगों मारे गए और न जाने कितने ही घर तबाह हो गए. लाखों लोगों को विस्थापित होना पड़ा है. करीब डेढ़ साल बाद इस युद्ध पर विराम लगने की कोशिशें शुरू हुई है. हमास ने गाजा पट्टी में बंधकों की रिहाई के बदले युद्धविराम के लिए समझौते के मसौदे को स्वीकार कर लिया है. एसोसिएटेड प्रेस ने दो अधिकारियों के हवाले से यह जानकारी दी है और बताया कि इजरायल मसौदे पर विचार कर रहा है.  

अमेरिका और कतर के मध्यस्थों ने बताया कि इजरायल और हमास 15 महीने से जारी युद्ध पर विराम लगाने के लिए समझौते के करीब हैं और यह युद्ध को बंद करने के लिए सबसे अच्छा मौका हो सकता है. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने मंगलवार (14 जनवरी, 2025) को कहा कि उन्हें लगता है कि जल्द ही गाजा में सीजफायर देखने को मिलेगा और यह बिल्कुल कगार पर है. इससे पहले कभी युद्धविराम पर दोनों पक्ष इतने करीब नहीं आए हैं.

पिछले एक साल से अमेरिका, मिस्त्र और कतर इजरायल और हमास के बीच सीजफायर डील को अंतिम रूप देने और बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं. 7 अक्टूबर, 2023 को हमास के हमले के बाद से कई लोगों को बंधक बनाया गया है. रिपोर्ट्स के अनुसार गाजा में अभी भी करीब 100 बंधक हैं.

यह समझौता अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा निर्धारित रूपरेखा पर आधारित है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा समर्थित है. समझौते के मसौदे पर अभी पहले चरण की रूपरेखा तैयार की गई है कि फर्स्ट फेज में दोनों पक्षों को क्या-क्या करना है, अगर पहला चरण पूरा हो जाता है तो फिर दूसरे चरण पर काम किया जाएगा. हमास और इजरायल अगर समझौते पर मान जाते हैं तो 42 दिन का पहला चरण शुरू होगा. इस चरण में बंधकों की रिहाई, इजरायली सेना की वापसी, फिलिस्तीनियों की घर वापसी और मानवीय सहायती के लिए जरूरी चीजों की आपूर्ति जैसी बातें हैं.

छह हफ्ते की अवधि में 33 बंधकों की रिहाई के साथ यह समझौता शुरू होगा, जिसमें महिलाओं, बच्चों, वयस्कों और घायलों की रिहाई शामिल है. यह समझौता गाजा में जारी जंग पर रोक लगाएगा, जिसकी वजह से लाखों लोगों को अपने घर छोड़कर भागना पड़ा है. गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इस जंग में अब तक 46 हजार फिलिस्तीनी मारे गए हैं. 

सीजफायर के पहले दिन हमास को 3 बंधकों को रिहा करना है, सातवें दिन पर चार और इसके बाद हर हफ्ते वह बंधकों को रिहा करेगा. शुरू में जिन 33 बंधकों को रिहा किया जाएगा, उनमें महिलाएं, बच्चे और 50 साल से ज्यादा उम्र के फिलिस्तीनी नागरिक शामिल होंगे. हमास पहले जीवित या मृत बंधकों को रिहा करेगा, मृतकों की डेड बॉडीज सौंपी जाएंगी. सभी बंधकों को हमास ने नहीं रखा है इसलिए दूसरे मिलिटेंट ग्रुप से उन्हें रिहा कराने में दिक्कत आ सकती है.

इसके बदले में इजरायल 30 फिलिस्तीनी महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को रिहा करेगा. हर एक महिला सैनिक के बदले में इजरायल 50 आतंकी कैदियों को रिहा करेगा, जिनमें से 30 आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. इजरायल 7 अक्टूबर, 2023 को बंदी बनाई गई सभी महिलाओं और बच्चों को रिहा करेगा. समझौते के पहले चरण में इजरायली सैनिकों को इजरायल और गाजा की सीमा पर करीब एक किलोमीटर चौड़े बफर जोन में वापस जाना होगा. 

इस तरह गाजा और उत्तरी गाजा से विस्थापित फिलिस्तीनी नागरिकों को अपने घर वापस लौटने की अनुमति मिल जाएगी. ड्राफ्ट के अनुसार इजरायल को कॉरिडोर छोड़ना होगा. पहले हफ्ते में नॉर्थ-साउथ कोस्टल रोड रशीद स्ट्रीट से इजरालीय सैनिकों के हटने से फिलिस्तीनियों के लिए गाजा जाने के लिए रास्ता खुल जाएगा. सीजफायर के 22वें दिन में इजरालयी सैनिकों को पूरा नेटजारिम कॉरिडोर छोड़ना होगा. फर्स्ट फेज के दौरान फिलाडेल्फी कॉरिडोर, मिस्त्र और गाजा पट्टी क्षेत्र से लगने वाली सीमा, जिसमें राफा क्रॉसिंग भी शामिल है, पर इजरायल का नियंत्रण रहेगा. हमास ने भी इस क्षेत्र से इजरायली सेना को हटाए जाने की अपनी मांग छोड़ दी है.

पहले चरण में भोजन, दवाओं और अन्य जरूरी चीजों की आपूर्ति के लिए ट्रकों को भी गाजा में जाने की अनुमति दी जाएगी. अगर पहले चरण की इन शर्तों पर सही से काम होता है तो फिर दूसरे चरण पर काम शुरू होगा, जिस पर सीजफायर के 16वें दिन चर्चा शुरू होगी. समझोते के ड्राफ्ट में कहा गया है कि फर्स्ट फेज के बाद दूसरे चरण पर काम किया जाएगा.

 

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