यूके ने कोरोना वायरस से जुड़ी एक रिपोर्ट पेश की है. इस रिपोर्ट में संबंधित जानकारी अमेरिकी विदेश विभाग से मिली है. जिसमें बताया गया है कि साल 2015 में चीनी वैज्ञानिकों ने जांच की थी और कथित तौर पर पता चला था कि चीन में जैविक हथियार बनाने की तैयारी की जा रही है. जांच में माना गया था कि ये हथियार विश्व युद्ध 3 की भविष्यवाणी की हो सकती है. वहीं अमेरिकी अधिकारियों ने कथित तौर पर उन कागजों को हासिल किया जिसमें साल 2015 में सैन्य वैज्ञानिकों और वरिष्ठ चीनी सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों ने कोविड 19 की उत्पत्ति का जिक्र किया है. दरअसल चीनी वैज्ञानिकों ने बताया है कि कोरोना वायरस वायरसों का एक बड़ा परिवार है, जो मनुष्यों में सांस की बीमारी पैदा करता है और इसके लक्षण सर्दी, खांसी और बुखार हो सकते हैं. वहीं अमेरिकी वायु सेना के कर्नल माइकल जे आइंसकॉफ ने विश्व युद्ध 3 की भविष्यवाणी करते हुए कहा था कि उसे जैव हथियारों से लड़ा जाएगा. जानकारी के मुताबिक चीनी वैज्ञानिकों के दस्तावेज से मिली जानकारी के आधार पर एक किताब लिखी गई है, जिसका नाम 'व्हाट रियली हैपेंड इन वुहान रखा गया है'.


वुहान में मिला था पहला कोविड केस


चीन में साल 2019 के अंत में वुहान शहर में पहला कोविड 19 का केस पाया था, जिसके बाद से अब तक ये घातक बीमारी एक महामारी बन गई है. जिससे 157,789,300 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए और दुनिया भर में 3,285,200 लोगों की मौत हुई है. वहीं जांच में मिले दस्तावेजों को लेकर ऑस्ट्रेलिया के राजनेता जेम्स पैटर्सन ने कहा कि दस्तावेज कोविड 19 की चीन में हुई उत्पत्ति की जानकारी दे रहे हैं और ये एक चिंता का विषय है.


ऑस्ट्रेलिया के कार्यकारी निदेशक का बयान


ऑस्ट्रेलिया के रणनीतिक नीति संस्थान के कार्यकारी निदेशक पीटर जेनिंग्स ने कहा कि 'उन्हें लगता है कि ये महत्वपूर्ण है क्योंकि रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि कैसे चीनी वैज्ञानिक कोरोना वायरस के विभिन्न उपभेदों के लिए सैन्य आवेदन के बारे में सोच रहे थे और सोच रहे थे कि इसे कैसे तैनात किया जा सकता है'.


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