करीब 15 हजार साल से कुत्ते हमारे शिकार में सहयोगी, सहकर्मी, मददगार और साथी रहे हैं. लेकिन क्या ये जानवर अब कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में भी हमारे सहयोगी हो सकते हैं? यूसी सान्ता बाबबरा के प्रोफेसर टॉमी डिकी और बायोसेन्ट के शोधकर्ता हीथर जनक्वेरा के मुताबिक, ऐसा हो सकता है. एक रिपोर्ट में बताया गया है कि सीमित स्तर पर सहमति बढ़ रही है कि प्रशिक्षित कुत्तों का प्रभावी इस्तेमाल कोरोना वायरस से संक्रमित शख्स का पता लगाने के लिए किया जा सकता है.


UAE में प्रशिक्षित कुत्तों की मदद लेने का फैसला


संयुक्त अरब अमीरात ने प्रशिक्षित कुत्तों की मदद से कोरोना वायरस मरीजों की पहचान करने का फैसला लिया है. अरब मीडिया के मुताबिक, सरकार ने K9 स्निफर डॉग्स की मोबाइल यूनिट को शामिल करना शुरू कर दिया है. गृह मंत्रालय की पहल पर मोबाइल यूनिट्स खास इलाकों, कार्यक्रमों और प्रतियोगिताओं में काम करेंगी.





उसकी मदद से आयोजकों और स्वास्थ्य अधिकारियों को कोरोना वायरस के प्रसार की रोकथाम करना संभव हो सकेगा. रिपोर्ट के मुताबिक, प्रशिक्षित कुत्तों को अहम स्थानों पर तैनात किया जाएगा, जहां ये जानवर इंसानों को स्पर्श और सूंघे बिना कोरोना वायरस की पहचान कर सकेंगे.


प्रशिक्षित कुत्ते कोरोना वायरस की जांच कैसे करेंगे?


संयुक्त अरब अमीरात पुलिस के प्रशिक्षित कुत्तों के जरिए कोरोना वायरस की जांच के लिए इंसानों की बगल से सैंपल लिया जाता है. फिर उस सैंपल को मोबाइल मेडिकल यूनिट में एक खास किट के जरिए प्रशिक्षित कुत्तों के सामने रखा जाता है. उसके बाद कुत्ता अपने बोध के जरिए कोरोना पॉजिटिव मामलों का पता लगाता है. गृह मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि स्पेशल यूनिट फ्रंट लाइन हेल्थ वर्कर को मदद मुहैया कराता है.


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