Lakes Are Drying Up: दुनिया जल संकट की तरफ बढ़ रही है, आधे से अधिक झील और जलाशय सूख रहे हैं. वैज्ञानिक पहले भी इस बात को लेकर आगाह कर चुके हैं लेकिन हालात बदलते नहीं दिख रहे. जलवायु परिवर्तन और बढ़ती पानी की खपत के कारण संकट की स्थिति पैदा हो रही है. झील और जलाशयों में पानी की कमी के कारण कई इलाकों में पानी की किल्लत हो रही है. खेती-बाड़ी, हाइड्रोपावर आदि के लिए पानी नहीं मिल रहा है. एक रिपोर्ट में इन बातों पर दावा किया गया है.
जलवायु परिवर्तन के साथ जलाशय सूखने को लेकर एक रिपोर्ट 'साइंस’ नाम की पत्रिका में प्रकाशित हुआ है. इस अध्ययन के प्रमुख लेखक अमेरिका के वर्जीनिया विश्वविद्यालय के फांगफैंग याओ हैं. याओ ने कहा कि दुनिया भर में झीलें संकट में हैं और इसके दूरगामी नतीजे हो सकते हैं. वैज्ञानिकों का दावा है कि यूरोप और एशिया के बीच मौजूद कैस्पियन सागर, दक्षिण अमेरिका की टिटिकाका झील, इन सभी में पानी का स्तर तेजी से कम हो रहा है. ये सब हर साल 22 गीगाटन की दर से पानी खो रहे हैं. ऐसा पिछले तीन दशकों से हो रहा है.
दो अरब लोग हो सकते हैं प्रभावित
वैज्ञानिकों का यह अध्ययन चिंताजनक इसलिए भी कहा जा सकता है क्योंकि दुनिया की लगभग 25 फीसदी आबादी झीलों के बेसिन में रह रही है, जो लगातार सूखने की ओर बढ़ रही हैं. जिसका मतलब है कि लगभग दो अरब लोग इससे प्रभावित हो सकते हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, झील और जलाशय के सूखने की एक वजह इंसानों की लापरवाही भी है. इंसानों के लिए जल महत्वपूर्ण होने के बाद भी इसका रखरखाव ठीक तरीके से नहीं किया गया. जिससे यह संकट की स्थिति उत्पन्न हो सकती है.
53 प्रतिशत तक कम हुआ पानी का स्तर
जल संकट को लेकर जिन वैज्ञानिकों ने ये रिपोर्ट तैयार की है उनमें अमेरिका, सऊदी अरब और फ्रांस के वैज्ञानिक शामिल हैं. इस टीम ने 1992 से 2020 तक सेटेलाइट तस्वीरों की मदद से बड़ी 1,972 सबसे झीलों और जलाशयों पर अध्ययन किया है. जिसमें उन्होंने पाया है कि इन तीस सालों में 53 प्रतिशत झीलों और जलाशयों के पानी में लगभग 22 गीगाटन वार्षिक दर से गिरावट हुई.
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