Water Crisis: 'जल-संकट से सबसे ज्यादा जूझेगा भारत', UN की रिपोर्ट- 2 पड़ोसी देशों में भी मचेगी पानी की किल्लत, दुनिया की 26% आबादी स्वच्छ जल को तरसी
UN 2023 Water Conference से पहले UN ने 'संयुक्त राष्ट्र विश्व जल रिपोर्ट 2023' जारी की, जिसमें भारत को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की गई. कहा गया है कि हमारे यहां सबसे ज्यादा जल-संकट होगा.
UN Report On Water Crisis: आने वाले समय में कई देश बड़े जल-संकट (Water Crisis) से जूझेंगे. संयुक्त राष्ट्र की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि 2050 तक दुनिया में पानी का संकट भारत (India) में सबसे ज्यादा होगा. इसके अलावा पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन में भी पानी की किल्लत मच जाएगी. इन देशों में कई नदियों में बहाव की स्थिति भी कमजोर पड़ जाएगी.
यह डरावनी भविष्यवाणी UN ने अपनी कुछ रिपोर्ट्स के आधार पर की है. बता दें कि संयुक्त राष्ट्र जल सम्मेलन 2023 से पहले UN ने 'संयुक्त राष्ट्र विश्व जल रिपोर्ट 2023' जारी की थी, बीते रोज 22 मार्च को ही दुनियाभर में 'विश्व जल दिवस' मनाया गया. उस दौरान UN की रिपोर्ट में कहा गया कि दुनिया की लगभग 1.7 से 2.40 अरब की शहरी आबादी पानी के संकट से जूझेगी.
एशिया में करीब 80% आबादी जल संकट से जूझ रही
संयुक्त राष्ट्र की तरफ से जारी रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2016 में धरती पर 9.33 करोड़ आबादी पानी के संकट से जूझ रही थी. उसके बाद इस जल-संकट कई देशों में तेजी से बढ़ा. रिपोर्ट में एक और बड़ा दावा तो यह भी है कि एशिया में करीब 80% आबादी जल संकट से जूझ रही है. यह संकट पूर्वोत्तर चीन, भारत और पाकिस्तान पर सबसे ज्यादा है.
दुनिया की 26% आबादी पानी के लिए तरस रही
अभी बड़ी चिंताजनक स्थिति यह है कि दुनिया की लगभग 26% आबादी को साफ पानी नहीं मिल रहा. पश्चिमी एशिया और अफ्रीका के बहुत-से देशों में पेयजल का संकट है. लोगों को पीने के लिए स्वच्छ पानी नहीं मिल पाता. दुनिया के 2 से 3 अरब लोग साल में कम से कम एक महीने पानी की कमी से जूझते हैं.
...ऐसे संकट से भारत सबसे ज्यादा प्रभावित होगा
संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनेस्को की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 तक भारत में जलसंकट बहुत बढ़ जाएगा. अनुमान है कि ऐसे संकट से भारत सबसे ज्यादा प्रभावित होगा. आशंका जताई गई है कि यहां पर ग्लेशियर पिघलने के कारण सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र जैसी प्रमुख हिमालयी नदियों का प्रवाह कम हो जाएगा. UNESCO के डायरेक्टर आंड्रे एजोले ने कहा कि वैश्विक जल संकट से बाहर निकलने से पहले अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तत्काल एक व्यवस्था करने की जरुरत है.
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