वॉशिंगटन: अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने चांद को लेकर एक रोमांचक घोषणा की है. नासा ने चंद्रमा की सनलिट सतह में पानी पाए जाने की घोषणा की है. नासा के Stratospheric Observatory for Infrared Astronomy (SOFIA) ने चंद्रमा के सनलिट सरफेस पर पानी होने की पुष्टि की है. यह एक बड़ी सफलता है. नासा के मुताबिक, सोफिया (SOFIA) ने क्लेवियस क्रेटर में पानी के मॉलिक्यूल (H2O) का पता लगाया है. क्लेवियस क्रेटर चंद्रमा के दक्षिणी गोलार्ध में स्थित पृथ्वी से दिखाई देने वाला सबसे बड़े क्रेटरों में से एक है.


इससे पहले खबर आई थी कि नासा की मिशन मून को लेकर कुछ महत्वपूर्ण जानकारी हाथ लगी है, जो चांद पर जीवन की संभावना ढूंढने के अभियान में मददगार साबित होगी. बता दें कि पिछले कई रिसर्च में इस बात का पता चला था कि चंद्रमा पर हाईड्रोजन है लेकिन पानी को लेकर पुष्टि नहीं हुई थी.








चांद पर मानव बस्तियां बसाने की योजना!
नासा पहले से ही साल 2024 में चांद की सतह पर एक पुरूष और पहली बार किसी महिला को भेजने की तैयारी में जुटा है. इस पूरी परियोजना पर 28 बिलियन डॉलर तक का अनुमानित खर्च हो सकता है. इसमें से 16 बिलियन डॉलर का खर्च चंद्र लैंडिंग मॉड्यूल पर खर्च किया जाएगा.


नासा प्रमुख जिम ब्रिडेंस्टाइन का कहना है कि तीन अलग-अलग परियोजनाओं में चंद्र लैंडर का निर्माण करने की परियोजना है. आर्टेमिस I की पहली उड़ान 2021 के नवंबर के लिए निर्धारित की गई है. जिसे मानव रहित किया जाएगा. इसके बाद आर्टेमिस II 2023 में चंद्रमा की कक्षा में अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाएगा, लेकिन जमीन पर नहीं उतरेगा. इस परियोजना के अंत में आर्टेमिस III अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर चंद्रमा की सतह पर उतरेगा. यह चंद्रमा की सतह पर एक सप्ताह तक रुकने के साथ ही कुछ साधारण गतिविधि भी करेगा.


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