'रूस से जंग खत्म करना चाहता है यूक्रेन', बोले यूक्रेनी विदेश मंत्री, राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भारत को कहा थैंक्यू
Russia-Ukraine Updates: रूस से छिड़ी जंग को लेकर यूक्रेन के विदेश मंत्री दमित्रो कुलेबा ने कहा है कि वह आगामी फरवरी में "शांति शिखर सम्मेलन" आयोजित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र से सहयोग मांग रहे हैं.
Russia-Ukraine War: रूस-यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग को महीनों हो चुके हैं. अमेरिका और अन्य यूरोपीय देशों की मदद से यूक्रेनी सेना ने रूसी सेना को कड़ी टक्कर दी. हालांकि, यूक्रेन के कई इलाके रूस के नियंत्रण में आ गए. उसके बाद रूसी सैनिकों को यूक्रेन के एक-दो बड़े शहरों से पीछे भी हटना पड़ा. पश्चिमी देशों से भारी मात्रा में मिले हथियारों के दम पर अब यूक्रेनी सेना रूसी इलाकों पर सीधे हमले करने लगी है. वहीं, रूस (Russian Army) की ओर से मिसाइल हमलों में यूक्रेन को व्यापक नुकसान हुआ.
इस खूनी संघर्ष के बीच मीडिया रिपोर्ट्स में अब एक बड़ा दावा किया गया है. एनएचके वर्ल्ड के अनुसार, यूक्रेन के विदेश मंत्री दमित्रो कुलेबा (Dmytro Kuleba) ने कहा है कि उनका देश फरवरी में "शांति शिखर सम्मेलन" आयोजित करना चाहता है, जो संघर्ष शुरू होने के एक साल बाद रूस के साथ युद्ध को समाप्त करने का संकेत है. कुलेबा ने एक इंटरव्यू में कहा कि यूक्रेन फरवरी में शांति सम्मेलन (Peace summit) आयोजित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र से सहयोग मांग रहा है, उस वक्त यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को एक साल पूरा होगा.
'रूस सभी यूक्रेनी क्षेत्रों से हटे तो जंग रुक सकती है'
वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की (Vladimir zelensky) ने पहले ही 10-सूत्रीय शांति योजना का प्रस्ताव दिया है, जिसमें सभी यूक्रेनी क्षेत्रों से रूस की वापसी शामिल है. जेलेंस्की को उम्मीद है कि उनकी योजना शांति शिखर सम्मेलन के एजेंडे में होगी. जापान की सार्वजनिक मीडिया संस्था एनएचके वर्ल्ड (NHK World) का दावा है कि यूक्रेनी राष्ट्रपति रूस के साथ शांति वार्ता के लिए जमीन तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं, यूक्रेन के विदेश मंत्री दमित्रो कुलेबा ने इंटरव्यू में बताया कि उनका देश शांति शिखर सम्मेलन आयोजित करना चाहता है.
'युद्ध जीतने के लिए भी भरसक कोशिश करेंगे'
मौजूदा समय के संघर्ष से निपटने के सवाल पर, यूक्रेन के विदेश मंत्री दमित्रो कुलेबा ने कहा कि हमने यूक्रेनी सैनिकों को देश के बाहर अमेरिकी पैट्रियट वायु रक्षा प्रणाली का उपयोग करने का तरीका सीखने का सुझाव दिया है. उन्होंने कहा कि पैट्रियट मिसाइल बैटरी छह महीने से भी कम समय में चालू हो जाएगी. उन्होंने कहा, ''यूक्रेन अगले साल युद्ध जीतने के लिए जो कुछ भी कर सकता है, वह करेगा.''
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने भारतीय पीएम को सराहा
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने एक वीडियो में कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से फोन पर बात की है और रूस के साथ शांति सूत्र को लागू करने में भारत की मदद मांगी है. यूक्रेनी राष्ट्रपति ने ट्वीट किया, "मैंने पीएम मोदी के साथ बात की थी. उनसे एक सफल G-20 अध्यक्षता की कामना की थी. इसी मंच पर मैंने शांति सूत्र की घोषणा की थी और अब मैं इसके कार्यान्वयन में भारत की भागीदारी पर भरोसा करता हूं. मैंने मानवीय सहायता और यूएन में समर्थन के लिए भी धन्यवाद दिया है."
I had a phone call with @PMOIndia Narendra Modi and wished a successful #G20 presidency. It was on this platform that I announced the peace formula and now I count on India's participation in its implementation. I also thanked for humanitarian aid and support in the UN.
— Володимир Зеленський (@ZelenskyyUa) December 26, 2022
भारत ने दिया सहायता प्रदान करने का भरोसा
पीएम मोदी ने कहा है कि दोनों पक्षों (रूस-यूक्रेन) को अपने मतभेदों का स्थायी समाधान खोजने के लिए बातचीत और कूटनीति पर वापस लौटना चाहिए. पीएम मोदी ने किसी भी शांति प्रयास के लिए भारत के समर्थन से अवगत कराया और संघर्ष से प्रभावित आबादी के लिए मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को जारी रखने का आश्वासन भी दिया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय पीएम मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के अवसरों पर चर्चा की. पीएम मोदी ने यूक्रेन के अधिकारियों से भारतीय छात्रों की निरंतर शिक्षा की व्यवस्था करने का अनुरोध किया, जिन्हें इस साल की शुरुआत में यूक्रेन से वापस आना पड़ा था.
'रूस को सुरक्षा परिषद से बाहर किया जाए'
इससे पहले यूक्रेन ने सोमवार को रूस को संयुक्त राष्ट्र से हटाने की मांग की थी, जहां मॉस्को सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के तौर पर किसी भी प्रस्ताव को वीटो कर सकता है. यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "यूक्रेन संयुक्त राष्ट्र में से रूसी संघ को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के रूप में अपनी स्थिति से वंचित करने और उसे संयुक्त राष्ट्र से बाहर करने की मांग करता है."
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