नई दिल्ली: अरब समेत कई मुस्लिम देशों ने फ्रांस के उत्पादों के बहिष्कार की मांग जोरों से उठाई है. ऐसा वह इसलिए कर रहे हैं क्योंकि मुस्लिम देश फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के एक बयान से नाराज हैं. नाराजगी का आलम यह है कि खबरों के मुताबिक कुवैत, जॉर्डन और कतर में कई दुकानों से फ्रांस के बने हुए सामानों को हटा दिया गया है. इतना ही नहीं कई एशिया के देश जैसे पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी इमैनुएल के बयान के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन हुए हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर इमैनुएल मैक्रों ने ऐसा क्या कहा था जिसकी वजह से मुस्लिम देशों में फ्रांस के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं.


क्या कहा था मैक्रों ने


पूरा मामला एक शिक्षक की हत्या से जुड़ा है. दरअसल, 16 अक्टूबर को पेरिस के उपनगरीय इलाके में एक शिक्षक की हजरत मोहम्मद साहब का कार्टून दिखाने के कारण गला काटकर हत्या कर दी गई थी. इसी के बाद फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने इसे इस्लामिक आतंकवाद करार दिया था. उन्होंने यह भी कहा था कि उन्हें डर है कि फ्रांस की करीब 60 लाख मुसलमानों की आबादी समाज की मुख्यधारा से अलग-थलग पड़ सकती है.


फ्रांस के प्रोडक्ट का बहिष्कार


फ्रांस के राष्ट्रपति के इसी बयान के बाद उनके और फ्रांस के खिलाफ मुस्लिम देशों ने बिगुल फूंक दिया. कई मुस्लिम देशों में फ्रांसीसी उत्पादों के बहिष्कार की अपील की जा रही है. इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर#BoycottFrenchProduct ट्रेंड कर रहा है.