पाकिस्तान में अगर गिरी इमरान सरकार तो क्या होगा? ये रहे सियासी समीकरण, भारत को लेकर बदल सकता है मिजाज़
पाकिस्तान में एक गुंजाइश ये भी है कि खुद PTI के कई MNAs और सहयोगी दलों की नाराज़गी को देखते हुए PTI में ही इमरान की जगह किसी और को प्रधानमंत्री बनाने पर विचार हो सकता है.
पाकिस्तान में इमरान खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किए जाने के बाद से देश में राजनीति अस्थिरता का माहौल है, ऐसे में इमरान सरकार को संकट के बादल घेरे हुए हैं. इमरान सरकार अगर गिरती है और PML(N) या PPP की अगुवाई में सरकार बनती है तो देखने वाली बात ये है कि कम से कम उन सरकारों में भारत के साथ संबंधों को आगे बढ़ाने को कुछ कदम तो उठाए गए थे. इमरान ने न सिर्फ मौजूदा प्रधानमंत्री मोदी पर निजी हमले किए हैं, बल्कि हाल ही में भारत के साथ ट्रेड को फिर से शुरू करने के फैसले को भी पलट दिया था.
सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान में एक गुंजाइश ये भी है कि खुद PTI के कई MNAs और सहयोगी दलों की नाराज़गी को देखते हुए PTI में ही इमरान की जगह किसी और को प्रधानमंत्री बनाने पर विचार हो सकता है. सूत्रों के मुताबिक ये भी एक विकल्प है, जिस पर विचार चल रहा है. मगर इमरान आसानी से इसके लिए राजी नहीं होंगे. पीएमएल-एन और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के लगभग 100 सांसदों ने आठ मार्च को नेशनल असेंबली सचिवालय के समक्ष एक अविश्वास प्रस्ताव पेश किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) नीत खान के नेतृत्व वाली सरकार देश में मौजूदा आर्थिक संकट और बढ़ती महंगाई के लिए जिम्मेदार है. अविश्वास प्रस्ताव के मद्देनजर नेशनल असेंबली का सत्र 21 मार्च को बुलाए जाने की उम्मीद है और प्रस्ताव पर मतदान 28 मार्च को होने की संभावना है.
वहीं पाकिस्तान की संसद में विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ ने कहा है कि शक्तिशाली सैन्य प्रतिष्ठान देश में न तो मौजूदा राजनीतिक संकट में किसी का पक्ष ले रहा है और न ही प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का पक्ष ले रहा है. ‘समा टीवी’ के शो ‘नदीम मलिक लाइव’ में शुक्रवार रात शरीफ ने सेना के साथ अपने संबंधों, नए सेना प्रमुख की नियुक्ति, चुनावी सुधार और मौजूदा राजनीतिक हालात में सेना की भूमिका समेत कई मुद्दों पर खुलकर बात की.
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष और तीन बार के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई शहबाज शरीफ ने कहा कि विपक्षी दल उन्हें अंतरिम प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं, लेकिन अंतिम फैसला पीएमएल-एन प्रमुख नवाज शरीफ द्वारा किया जाएगा. ‘समा टीवी’ पर साक्षात्कार के दौरान शरीफ से वर्तमान परिदृश्य में सैन्य प्रतिष्ठान की भूमिका के बारे में पूछा गया, जिस पर उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्यों को अब तक कहीं से फोन नहीं आया है. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे किसी ने नहीं बताया कि उन्हें (प्रतिष्ठान से) फोन आया है.’’ शाहबाज शरीफ ने कहा कि इमरान खान कहते थे कि जब अंपायर तटस्थ हो जाता है तो सब कुछ निष्पक्ष हो जाता है, लेकिन अब उन्होंने ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया है जिसे ‘‘मैं अपनी जुबान से कह नहीं सकता.’’
वह प्रधानमंत्री के एक हालिया बयान का जिक्र कर रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था कि इंसान पक्ष लेते हैं और ‘‘केवल जानवर तटस्थ होते हैं.’’ शाहबाज ने कहा कि देश के सभी सेना प्रमुख के साथ उनके हमेशा अच्छे संबंध रहे हैं क्योंकि उन्होंने रावलपिंडी (सेना मुख्यालय) और इस्लामाबाद (सरकार के कामकाज का स्थान) के बीच एक सेतु का काम किया. अगले सेना प्रमुख की नियुक्ति के बारे में एक सवाल के जवाब में शहबाज ने कहा, ‘‘अभी इसमें समय है और समय आने पर राष्ट्रहित में इस पर विचार किया जाएगा.’’ मौजूदा सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा का कार्यकाल नवंबर में खत्म होने वाला है.
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