संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने यूएनएससी बैठक के दौरान कहा, "भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए 80 से अधिक निकासी उड़ानें भरी जा चुकी हैं. हम उनकी वापसी की सुविधा में यूक्रेन और उसके पड़ोसी देशों के अधिकारियों द्वारा प्रदान की गई सहायता की सराहना करते हैं." उन्होंने कहा, "हम यूक्रेन से 20,000 से अधिक भारतीयों की सुरक्षित वापसी को सुगम बनाने में सफल रहे हैं. हमने अन्य देशों के नागरिकों को उनके संबंधित देशों में लौटने में भी सहायता की है. हम आने वाले दिनों में ऐसा करने के लिए तैयार रहेंगे."


टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, "हमने भारतीयों सहित सभी नागरिकों के लिए सुरक्षित मार्ग की अपनी तत्काल मांग को दोहराया है. हम इस बात से बहुत चिंतित हैं कि दोनों पक्षों (यूक्रेन और रूस) से बार-बार आग्रह करने के बावजूद, सुमी में हमारे छात्रों के लिए एक सुरक्षित गलियारा नहीं बन पाया है." UNSC बैठक में उन्होंने कहा, "भारत लगातार युद्ध को तत्काल समाप्त करने का आह्वान करता रहा है. हमारे प्रधानमंत्री ने एक बार फिर दोनों पक्षों के नेतृत्व से बात की और तत्काल युद्धविराम तथा दोनों पक्षों को बातचीत के रास्ते पर लौटने की आवश्यकता को दोहराया."


टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, "यूक्रेन में बिगड़ती स्थिति और आगामी मानवीय संकट पर हमें तत्काल ध्यान देना चाहिए. संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के अनुसार, पिछले ग्यारह दिनों में 15 लाख शरणार्थियों ने यूक्रेन के पड़ोसी देशों में शरण मांगी है." उन्होंने कहा, "संयुक्त राष्ट्र के अनुमानों के अनुसार, अब तक 140 से अधिक नागरिक मारे जा चुके हैं, जिनमें एक युवा भारतीय छात्र भी शामिल है. भारत उनके निधन पर शोक व्यक्त करता है और हम उनके परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं. हम संघर्ष में हर नागरिक के नुकसान पर शोक व्यक्त करते हैं."


टीएस तिरुमूर्ति ने यूएनएससी बैठक के दौरान कहा, "भारत पहले ही यूक्रेन और उसके पड़ोसी देशों को मानवीय आपूर्ति भेज चुका है. इनमें दवाएं, टेंट, पानी के भंडारण टैंक, अन्य राहत सामग्री शामिल हैं. हम अन्य आवश्यकताओं की पहचान करने और उन्हें भेजने की प्रक्रिया में हैं."


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