क्या है आईनाघर? बांग्लादेश में खौफ और यातनाओं का दूसरा नाम, जानें शेख हसीना से इसका कनेक्शन
Aynaghar: बांग्लादेश संकट के बीच चर्चा आईनाघर की हैं. खबरों के मुताबिक, आईनाघर शेख हसीना का कैदखाना था, जहां वो राजनीतिक विरोधियों के साथ ही चरमपंथियों को हिरासत में रखती थीं.
Aynaghar In Bangladesh: बांग्लादेश कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की कुर्सी जा चुकी है. शेख हसीना का शासन बांग्लादेश में अपने राजनीतिक विरोधियों को यातना देने के लिए याद किया जाएगा. राजनीतिक विरोधियों को यातना देने के लिए ढाका कैंट में आईनाघर का इस्तेमाल किया जाता था.
शेख हसीना के पतन के बाद अब ये आईनाघर चर्चाओं में है. खबर है कि इस आईनाघर से करीब 100 लोगों का अभी भी कुछ पता नहीं चल सका है कि वो कहां गए. बताया गया कि इस आईनाघर में राजनैतिक कैदियों को रखकर यातनाएं दी जाती थीं. इस आईनाघर में कोई खिड़कियां नहीं हैं और यहां काफी कम रोशनी है.
कैसा दिखता है आईनाघर?
रिपोर्ट के मुताबिक आईनाघर की छती काफी ऊंची हैं और यहां नक्काशी और पूर्व कैदियों के लिखे हुए संदेश मिले हैं. 21 अगस्त, 2016 को, बैरिस्टर अहमद बिन कासिम अरमान को गिरफ्तार करके इसी आईनाघर में रखा गया था. ये आईनाघर पूर्व बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना की गुप्त जेल थी.
कैदी नहीं करते आईनाघर की बात
हिरासत में लिए गए और आईनाघर में रखे गए लोगों को इतनी यातनाएं दी गईं कि वो कभी इसके बारे में बात नहीं करते. कैदी यहां तक कि ये तक नहीं बताते कि उन्होंने इस कैदघर में क्या सहा है. इसका एक उदाहरण डेली ऑब्जर्वर की रिपोर्ट में मिलता है. डेली ऑब्जर्वर की रिपोर्ट के मुताबिक, अरमान और आजमी को बिना किसी मुकदमे के आईनाघर में डाल दिया गया. दोनों को ही काफी खराब परिस्थिति में कैदघर में रखा गया था.
क्या है आईनाघर?
द हाउस ऑफ मिरर्स यानी कि आईनाघर शेख हसीना शासन में अचानक गायब होने और राजनीतिक विरोधियों के साथ कठोर व्यवहार के लिए जाना जाता था. रिपोर्ट के मुताबिक, ढाका के अलावा अन्य इलाकों में 23 अन्य गुप्त हिरासत केंद्र हैं. आईनाघर में न सिर्फ राजनीतिक विरोधियों को रखा जाता था बल्कि यहां चरमपंथियों को भी रखकर उनपर अत्याचार किए जाते थे.
ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट
ह्यूमन राइट्स वॉच की 2024 की रिपोर्ट के आंकड़े बताते हैं कि साल 2009 से जब से शेख हसीना का शासन कायम हुआ, तब से बांग्लादेशी बलों ने 600 से ज्यादा लोगों को गायब किया. इनमें से कई लोगों की सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मौत भी हो गई. हालांकि, इनमें से कई केदी रिहा किए गए तो कुछ अदालत में पेश हो सके.
संयुक्त राष्ट्र की मदद से इनकार
कई रिपोर्ट्स में ये भी दावा किया गया है कि शेख हसीना ने जबरन गायब हुए लोगों की जांच के लिए संयुक्त राष्ट्र की मदद लेने से भी मना कर दिया था. बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के नेता मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने बताया कि 2022 में उनकी पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष और पूर्व प्रधानंमंत्री खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान को भी जबरन आईनाघर में डाल दिया गया था.