चीन में कोरोना की नई लहर शुरू है. यहां 2020 के बाद से सबसे ज्यादा संक्रमण के मामले दर्ज किए गए. चीन में कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के बीच कई जगहों पर अस्थायी अस्पतला तैयार किए गए हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले हफ्तों में चीन की स्वास्थ्य सेवाओं पर और दबाव बढ़ सकता है. इस बीच, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा है कि देश 'जीरो कोविड नीति' के साथ रहेगा.
संक्रमितों की पहचान कर उन्हें क्वारंटीन किया जाता है
माना जा रहा है कि चीन में ओमिक्रोन वेरिएंट के कारण संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. चीन के कई शहरों में लॉकडाउन लगा हुआ है. चीन कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए 'जीरो कोविड नीति' को अपनाता है. जीरो कोविड नीति के तहत चीन संक्रमितों की पहचान करता है और फिर उन्हें क्वारंटीन करता है. ऐसे में चीन में लगातार टेस्टिंग प्रक्रिया जारी है. चीन के कई हिस्सों में कई-कई राउंड की टेस्टिंग हो चुकी है.
लॉकडाउन से करोड़ों लोग घरों में कैद रहने को मजबूर
चीन के कई शहरों में लॉकडाउन के चलते करोड़ों लोग घरों में कैद हैं. जिस प्रांत में कोरोना के मामले ज्यादा आ रहे हैं वहां लॉकडाउन लगाया जा रहा है. अब तक चीन के 10 शहरों में लॉकडाउन लगाया गया है. वहीं, स्वास्थ्य अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि और कड़े प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं.
शंघाई टावर को भी सील कर दिया गया है
चीन के औद्योगिक शहर शंघाई में एक बार फिर से कड़े नियम आवासीय इलाकों और ऑफिस परिसर में लागू कर दिए गए हैं. टेप, मेटल गेट लगाए जा रहे, ताकि वायरस के प्रसार को रोका जा सके. वहीं, दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची बिल्डिंग शंघाई टावर को भी सील कर दिया गया है. वहीं, बीजिंग में रिहायशी इलाकों में प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई है.
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि संक्रमण पर अप्रैल की शुरुआत में ही काबू पाया जा सकता है, तब तक चीन में 35 हजार नए मामले सामने आ सकते हैं. विशेषज्ञों ने कहा है कि ये कोरोना संक्रमण वुहान महामारी के बाद सबसे गंभीर है.
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