रूस यूक्रेन पर तथाकथित डर्टी बम (Dirty Bomb) का इस्तेमाल करने की योजना बनाने का आरोप थोप रहा है. उधर कीएव और उसके पश्चिमी सहयोगी देशों ने इसे रूस की एक झूठी और शत्रुतापूर्ण कार्रवाई करार के खारिज कर डाला है. माना जा रहा है कि मॉस्को इसे अपने पड़ोसी के खिलाफ क्रेमलिन के युद्ध को आगे बढ़ाने के बहाने के तौर पर इस्तेमाल कर सकता है.


डर्टी बम एक ऐसा हथियार है जो पारंपरिक विस्फोटक जैसे डायनामाइट को यूरेनियम जैसे रेडियोधर्मी सामग्री (Radioactive Material) से जोड़ता है. ये अक्सर आतंकवादियों के एक हथियार के तौर पर जाना जाता है. देशों के लिए नहीं, क्योंकि इसे किसी भी सैन्य लक्ष्य का खत्मा करने से अधिक डर और दहशत फैलाने के लिए बनाया जाता है.


इसी डर्टी बम को लेकर यूक्रेनी अधिकारियों ने बार-बार मॉस्को के आरोपों का खंडन किया है और कीएव के विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र के निरीक्षकों को यूक्रेन का दौरा करने के लिए आमंत्रित किया है ताकि यह दिखाया जा सके कि उनके पास "छिपाने के लिए कुछ नहीं है." यहां इस मामले पर आपको कुछ बातें जानना जरूरी है.


क्या है रूस का दावा ?


बगैर किसी सबूत के मॉस्को का दावा है कि यूक्रेन में वैज्ञानिक संस्थान हैं, जिनके पास डर्टी बम बनाने के लिए जरूरी तकनीक है. रूस यूक्रेन पर इसका इस्तेमाल करने की योजना बनाने का आरोप लगा रहा है. रूसी रक्षा मंत्रालय ने 24 अक्टूबर को एक ब्रीफिंग में कहा कि उसके पास ऐसी जानकारी है जो दिखाती है कि कीएव एक डर्टी बम विस्फोट के जरिए उकसावे की योजना बना रहा है.


रूस के विकिरण, रासायनिक और जैविक सुरक्षा बल के चीफ इगोर किरिलोव ने दावा किया,"युद्ध में यूक्रेन के इस उकसावे का मकसद रूस पर  सामूहिक विनाश के हथियारों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाना है और इस तरह दुनिया में रूसी विरोधी एक शक्तिशाली अभियान शुरू करना है." 


इस बातचीत से परिचित एक अमेरिकी अधिकारी के मुताबिक, रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू ने 23 अक्टूबर को अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन के साथ एक कॉल में यह दावा किया है. शोइगू ने अपने फ्रांसीसी और ब्रिटिश समकक्षों से भी यूक्रेन के डर्टी बम पर आशंका जताई थी. 


25 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक बेहद निजी बैठक के बाद, संयुक्त राष्ट्र में रूस के उप राजदूत ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने यूएन को बताया कि उनका देश मानता है कि यूक्रेन में दो न्यूक्लियर पॉवर प्लांट हैं जो डर्टी बम बनाने पर काम कर रहे हैं.


रूस के दावे पर दुनिया का जवाब


यूक्रेन, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, यूरोपीय संघ और नेटो ने रूस के आरोपों का जोरदार खंडन किया गया है. इन देशों ने मॉस्को पर अपने खुद के झूठे अभियान को शुरू करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने  23 अक्टूबर को अपने रात के संबोधन में कहा, "हर कोई सब कुछ अच्छी तरह से समझता है, समझता है कि इस युद्ध में कल्पना की जा सकने वाली हर गंदगी का स्रोत कौन है."


उधर व्हाइट हाउस ने 24 अक्टूबर को कहा था कि वह यूक्रेन में एक डर्टी बम के इस्तेमाल के लिए किसी भी संभावित तैयारी की "बेहतरीन निगरानी" कर रहा है, लेकिन जल्द ही इस तरह के हथियार के इस्तेमाल किए जाने का किसी भी तरह का कोई संकेत उसे नहीं  दिखता है. संयुक्त राष्ट्र के न्यूक्लियर वॉचडॉग ने कहा है कि वह कीएव के यूक्रेन में दो परमाणु स्थानों के दौरा करने की दरख्सात पर वहां अपने निरीक्षकों को जल्द भेजेगा.


एजेंसी की वेबसाइट के मुताबिक,"अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने कहा कि उसे यूक्रेन में दो परमाणु स्थानों पर कथित गतिविधियों के बारे में रविवार (23 अक्टूबर) को रूसी संघ के दिए गए बयानों के बारे में पूरी जानकारी है." हालांकि आईएईए ने इन दोनों साइटों की लोकेशन नहीं बताई है. 24 अक्टूबर को एक ट्वीट में, यूक्रेनी विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने कहा, "रूस के तुलना में यूक्रेन हमेशा पारदर्शी रहा है और बना हुआ है. हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है."






डर्टी बम क्या है?


यह एक बम है जिसमें रेडियोधर्मी पदार्थ होता है, जैसे कि यूरेनियम, जो अपने पारंपरिक विस्फोटकों के संग विस्फोट होने पर हवा में बिखर जाता है, इसलिए परमाणु-सुरक्षा अधिकारी इसे रेडियोलॉजिकल डिस्पर्सल डिवाइस कहते हैं. यानी एक ऐसा उपकरण जो रेडियोधर्मी पदार्थों को फैलाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसमें आमतौर पर डायनामाइट जैसे अक्सर इस्तेमाल किए जाने वाले पंरपरागत विस्फोटकों के साथ किसी भी तरह के रेडियोधर्मी कचरे का इस्तेमाल किया जाता है.


इसमें परमाणु बम जैसे बेहद परिष्कृत रेडियोधर्मी सामग्री शामिल करने की जरूरत नहीं होती है. इसके बजाय डर्टी बम में अस्पतालों, परमाणु ऊर्जा स्टेशनों या अनुसंधान प्रयोगशालाओं से निकली रेडियोधर्मी सामग्री का इस्तेमाल होता है. यह परमाणु हथियारों की तुलना में बेहद सस्ते होने के साथ ही तेजी से बनाया जा सकता है. ये आसानी से किसी भी वाहन के पीछे रखकर ले जाए जा सकते हैं.


डर्टी बम विस्फोट के बाद हवा से फैला रेडियोधर्मी पदार्थ कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों की वजह बन सकता है. ये टारगेट की जाने वाली आबादी में दहशत फैलाते हैं. विस्फोट इलाके के आसपास के एक बड़े इलाके को भी साफ-सफाई के लिए खाली करना होता, या पूरी तरह से छोड़ देना होता है. फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स ने गणना की है कि अगर यूएस के न्यूयॉर्क शहर के मैनहेटन में 9 ग्राम कोबाल्ट -60 और 5 किलो टीएनटी वाला बम विस्फोट किया जाए, तो यह दशकों तक शहर के इस पूरे इलाकों को रहने लायक नहीं छोड़ेगा.


इस वजह से ही डर्टी बमों को सामूहिक व्यवधान (Mass Disruption) यानी आतंक फैलाने के हथियार के तौर पर देखा जाता है. इस तरह से ये आतंक फैलाने के साथ ही आर्थिक नुकसान करने के लिए जाने जाते हैं. इसमें परमाणु हथियारों की ऊर्जा या विनाशकारी क्षमता दूर-दूर तक नहीं होती. जबकि परमाणु हथियार यूरेनियम और प्लूटोनियम से भरे हुए होते हैं. ये एटॉमिक चेन रिएक्शन पैदा करते हैं जो शहर के शहर धराशायी कर डालते हैं. 


क्या डर्टी बम परमाणु हथियार है?


अगर ये कहा जाए कि डर्टी बम परमाणु हथियार की श्रेणी में आता है तो ऐसा बिल्कुल नहीं है. एक डर्टी बम से विस्फोट पारंपरिक विस्फोटकों के जरिए होता है, जबकि परमाणु हथियार से विस्फोट एक परमाणु प्रतिक्रिया (Nuclear Reaction) से होता है. जैसे द्वितीय विश्व युद्ध में अमेरिका ने जापान पर परमाणु बम गिराया था. 


यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी-डीएचएस (United States Department of Homeland Security-DHS) की एक फैक्ट शीट के मुताबिक,"एक परमाणु बम ऐसा विस्फोट पैदा करता है जो डर्टी बम जैसे किसी भी पारंपरिक विस्फोटक की तुलना में हजारों से लाखों गुना अधिक शक्तिशाली होता है."


परमाणु हथियार से होने वाला विस्फोट पूरे शहर को तहस-नहस कर सकता है. उदाहरण के लिए 1945 में नागासाकी पर गिराए गए परमाणु बम ने इस शहर के 6.2 वर्ग किलोमीटर को नेस्तानाबूद कर दिया था. परमाणु हथियारों को खत्म करने के लिए चलाए जा रहे अंतरराष्ट्रीय अभियान- आईसीएएन (International Campaign To Abolish Nuclear Weapons- ICAN) का कहना है कि एक डर्टी बम के पारंपरिक विस्फोटक केवल कुछ इमारतों को ही तहस-नहस या क्षतिग्रस्त कर सकते हैं.


डीएचएस के मुताबिक एक परमाणु विस्फोट का मशरूम बादल दसियों से सैकड़ों वर्ग मील की दूरी तय कर सकता है. ये परमाणु सामग्री के महीन कणों को फैला सकता है और उस इलाके पर रेडियोधर्मिता का प्रसार कर सकता है. दरअसल एक मशरूम बादल मलबे, धुएं और आमतौर पर एक बड़े विस्फोट से बना संघनित जल वाष्प का एक खास मशरूम के आकार का ज्वलनशील बादल होता है. जबकि एक डर्टी बम से अधिकांश रेडियोधर्मी सामग्री शहर के कुछ ब्लॉक या कुछ वर्ग मील में ही फैलेगी.


क्या कभी डर्टी बम का हमला हुआ है?


दुनिया में अब -तक डर्टी बम का सफल हमला अभी तक नहीं हुआ है. काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस (Council On Foreign Relations) की माने तो साल 1995 में चेचेन्या  विद्रोहियों ने मॉस्को के इजमाइलोवो पार्क डर्टी बम प्लांट किया था, लेकिन वो इसमें विस्फोट करने में कामयाब नहीं हो पाए थे.


मॉस्को के मुस्तैद सुरक्षा बलों की वजह से इस पार्क में डाइनामाइट और केसियम-137 वाला ये बम फट नहीं पाया. दरअसल वहां के सुरक्षा बलों को पार्क में बम प्लांट करने की खबर पहले ही लग गई थी.


ऐसी खबरे भी आती रहीं हैं कि अल कायदा या आईएसआईएस जैसे आतंकवादी संगठनों ने एक डर्टी बम बनाया या बनाने की कोशिश की, लेकिन इन आतंकी संगठनों ने भी अब तक इसके जरिए कोई विस्फोट नहीं किया है. 


क्या ये बम बेहद खतरनाक है? 


डीएचएस का कहना है कि यह संभावना नहीं है कि एक डर्टी बम के विकिरण (Radiation) की पर्याप्त मात्रा सेहत पर तत्काल असर डाले या बड़ी संख्या में लोगों की मौत की वजह बने. इस बारे में टेक्सास राज्य स्वास्थ्य सेवा विभाग कहता है कि एक डर्टी बम के रेडिएशन को घातक बनाने के लिए बहुत अधिक मात्रा में इस्तेमाल किए जा रहे शीशे या स्टील से खुद की जान बचाने के लिए सबसे पहले इसके बनाने वालों को ही सुरक्षा की जरूरत होती है.


इस वजह से इसे बेहद खतरनाक नहीं बनाया जा सकता है. अगर किसी तरह से शीशे या स्टील का अधिक इस्तेमाल किया भी जाए तो ये डर्टी बम को भारी बनाता है. इसे कहीं लाना-जाना और प्लांट करने में भी परेशानी पेश आती है. खतरनाक डर्टी बम के लिए फिर शायद भारी उपकरण और रिमोट हैंडलिंग टूल की जरूरत पड़ सकती है जो रेडिएशन  को फैलाने के दायरे को भी सीमित करता है. 


कितना है रेडिएशन का खतरा


टेक्सास हेल्थ सर्विस के मुताबिक एक डर्टी बम से पैदा होने वाला विकिरण डेंटल एक्स-रे के दौरान पैदा होने वाले विकिरण के बराबर ही होता है. इसलिए इसके संपर्क में आने पर इस स्तर के विकिरण का ही खतरा होता है. डर्टी बम रेडिएशन एक चट्टान के छोटे-छोटे टुकड़ों के फैलने जैसा है. अगर कोई आप पर एक पूरी बड़ी चट्टान फेंकता है तो इससे आपको दर्द हो सकता है, इससे आपको शारीरिक नुकसान  पहुंच सकता है.


इसे इस तरह से समझा जा सकता है यदि इसी एक चट्टान के बेहद छोटे-छोटे टुकड़े कर दिए जाएं और फिर यहीं महीन रेत आप पर फेंकी जाएं तो इससे आपको किसी तरह का वास्तविक नुकसान होने की संभावना काफी कम होती है. डीएचएस बताता है कि रेडिएशन से होने वाली बीमारी की गंभीरता इस पर निर्भर करती है कि कितने वक्त तक आप रेडिएशन के संपर्क में रहें हैं. इससे बचने का सबसे बेहद आसान और सरल उपाय है कि तुरंत विकिरण वाली जगह से दूर चला जाए.


डीएचएस का कहना है कि डर्टी बम विस्फोट की जगह से हटकर थोड़ी दूरी चले जाना भी रेडिएशन से महत्वपूर्ण सुरक्षा दे सकता है. डीएचएस सलाह देता है कि लोगों को किसी भी तरह के रेडिएशन से बचने के लिए नाक और मुंह को ढंकना चाहिए, किसी भी रेडिएशन के धूल के बादल से बचने के लिए घर के अंदर जाना चाहिए. रेडिएशन के संपर्क में आए अपने कपड़ों को प्लास्टिक की थैली में फेंक देना चाहिए और फिर दूषित पदार्थों को हटाने के लिए अपनी त्वचा को धीरे से धोना चाहिए.


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