इजरायल की चेतावनी के बाद उत्तरी गाजा से अब तक 10 लाख से ज्यादा फलस्तीनी नागरिक दक्षिण गाजा की ओर पलायन कर चुके हैं, जबकि 1 लाख लोग अभी भी यहीं हैं. अपनी जान बचाने के लिए लोग जरूरी सामान प्लास्टिक बैग्स में बांधे और गोद में बच्चों को लेकर पैदल ही दक्षिण गाजा तक का सफर तय कर रहे हैं. 13 अक्टूबर, 2023 को इजरायल ने फलस्तीनियों के लिए यह चेतावनी जारी की थी कि वह उत्तरी गाजा को छोड़कर दक्षिण गाजा की ओर चले जाएं. हमास के साथ जारी लड़ाई में अब इजरायल आर-पार के मूड में है. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास के लड़ाकों को खत्म करने की ठानी है और इसीलिए  इजरायली सेना गाजा पर ताबड़-तोड़ गोले बरसा रही है.


पूरे गाजा की कुल आबादी 23 लाख है और युद्ध से पहले तक उत्तरी गाजा में करीब 11 लाख आबादी रहती थी. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक,  10 लाख से ज्यादा फलस्तीनी अपना घर-बार छोड़ चुके हैं और 60 फीसदी लोग 14 किलोमीटर लंबे दक्षिण गाजा के सफर पर हैं. उत्तरी गाजा में अभी भी 1 लाख लोग हैं, जो इस हिस्से को छोड़ने को तैयार नहीं हैं. ये पूछ रहे हैं कि क्या दक्षिणी गाजा में उन्हें खतरे से बचने के लिए पर्याप्त सुविधाएं मिलेंगी क्योंकि इस वक्त तो पूरे गाजा पर ही खतरा मंडरा रहा है.


हमास ने लोगों से इजरायल की चेतावनी को नजरअंदाज करने को कहा था. संयुक्त राष्ट्र के सभी कार्यालय उत्तरी गाजा में मौजूद हैं. आईडीएफ ने अपने आदेश में संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारियों, स्कूलों, अस्पतालों, रिफ्यूजी कैंप और क्लीनिक जैसी संयुक्त राष्ट्र की सेवाओं को भी इलाका खाली करने के लिए कहा था.


क्या है गाजा पट्टी?
गाजा पट्टी 41 किलोमीटर लंबी और 10 किलोमीटर चौड़ी पट्टी है जो भूमध्य सागर पर स्थित है. इसका 365 वर्ग किलोमीटर का इलाका इजरायल, भूमध्‍य सागर और मिस्र की सीमाओं से घिरा हुआ है. गाजा सिटी इसकी राजधानी है. वैसे तो गाजा पर हमास का कब्जा है, लेकिन इजरायल ने इसकी सीमाओं को ब्लॉक किया हुआ है. जमीन, हवा और समंदर के रास्ते आने या जाने पर परमिशन की जरूरत पड़ती है.


उत्तरी और दक्षिणी गाजा क्या हैं?
बीबीसी के मुताबिक, गाजा पट्टी के बीचों-बीच वादी नदी है, जो इसे दो हिस्सों में बांटती है. एक हिस्सा दक्षिणी गाजा और दूसरा हिस्सा उत्तरी गाजा कहलाता है. वादी नदी के आसपास की जगह को वादी गाजा के नाम से जाना जाता है. पूरी गाजा पट्टी पांच प्रातों में विभाजित है, जो हैं- उत्तरी गाजा, गाजा सिटी, दीर अल-बलाह, खान यूनिस और राफा. जमीन पर दो जगह और भूमध्य सागर में गाजा पट्टी की जलीय सीमा इजरायल द्वारा नियंत्रित होती है और यहां से आने जाने की परमिशन का अधिकार भी इजरायल के पास है.


जमीनी रास्ते के लिए तीन बॉर्डर क्रॉसिंग हैं, ये करीम अबू सलेम क्रॉसिंग और इरेज क्रॉसिंग हैं, जो इजरायल द्वारा नियंत्रित की जाती हैं. तीसरी सीमा राफा क्रॉसिंग है, जिसे मिस्त्र  यंत्रित करता है. राफा क्रॉसिंग, करीम अबू सलेम क्रॉसिंग और  खान यूनिस गाजा पट्टी के दक्षिणी हिस्से में पड़ते हैं, जबकि इरेज क्रॉसिग, जिसे बेत हनोन भी कहा जाता है वह उत्तरी गाजा में मौजूद है. करीम अबू सलेम के जरिए सिर्फ खाने-पीने जैसी जरूरी चीजें पहुंचाई जाती हैं.


यह भी पढ़ें:-
Indian Super Women In Israel : जब इजरायल में हमास का हुआ 'इंडियन सुपर वुमन' से सामना, जानें वो दिलचस्प किस्सा, जिसकी इजरायली सरकार भी कर रही तारीफ