रूस यू्क्रेन के युद्ध का आज 50वां दिन है. इन 50 दिनों में रूस ने यूक्रेन के लगभग सभी बड़े शहरों को तबाह कर दिया है. जंग में हजारों लोग मारे जा चुके हैं जबकि लाखों लोग अपना शहर छोड़ दूसरे शहर में प्रवासी की तरह रहने पर मजबूर हो गए हैं. इस दौरान बूचा की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी है.


इन तस्वीरों में शहर की सड़कों पर कई लाशें देखी गई जा सकती है. यूक्रेन का दावा है कि रूसी सैनिकों ने बूचा में आम नागरिकों को मारा है. इस नरसंहार में 403 शव मिले हैं. मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है क्योंकि इस क्षेत्र में माइनस्वीपर्स की तलाशी ली जा रही है. 


क्या होता है नरसंहार 


नरसंहार का तात्पर्य बहुत सारे व्यक्तियों की सामूहिक हत्या से है. यह हत्याएं बिना किसी कारण, निजी स्वार्थ के लिए या युद्धजनित हो सकती हैं. यूक्रेन रूस युद्ध के नजरिये से समझें तो संयुक्त राष्ट्र की संधि के अनुसार, जिसमें अमेरिका भी शामिल है, नरसंहार एक ऐसा कदम हैं जिसे जानबूझकर किसी भी देश, नस्ल, जाति या धार्मिक समूह को आंशिक या पूर्ण रूप से खत्म करने के उठाया जाता है. 


अंतर्राष्ट्रीय अदालत में पहुंच चुके हैं तीन मामले


दुनियाभर में अबतक तीन नरसंहार के मामले अंतर्राष्ट्रीय अदालतों की दहलीज तक पहुंच चुके हैं. पहला कंबोडियन खमेर रूज (Cambodian Khmer Rouge's Slaughter) द्वारा 1970 के दशक में अल्पसंख्यक चाम लोगों और वियतनामी की हत्या, जो अनुमानित 1.7 मिलियन मृतकों में से थे. दूसरा 1994 में रवांडा में तुत्सी की सामूहिक हत्या जिसमें 800,000 लोग मारे गए थे और तीसरा मामला 1995 में बोस्निया में करीब 8,000 मुस्लिम पुरुषों और लड़कों का सेरेब्रेनिका नरसंहार (Srebrenica Massacre) किया गया था. 


नरसंहार में शामिल आपराधिक कृत्यों में किसी एक समूह के सदस्यों को मारना, उन्हें गंभीर शारीरिक या मानसिक नुकसान पहुंचाना, जन्म को रोकना या बच्चों को जबरन अन्य समूहों में स्थानांतरित करना शामिल है. 


कैसे साबित होता है नरसंहार 


किसी भी देश या क्षेत्र में नरसंहार हुआ है यह साबित करने के लिए, अभियोजकों को पहले यह दिखाना होगा कि पीड़ित एक अलग राष्ट्रीय, जातीय, नस्लीय या धार्मिक समूह का हिस्सा थे. हालांकि अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून के अन्य उल्लंघनों की तुलना में नरसंहार साबित करना थोड़ा मुश्किल है, क्योंकि इसके लिए इरादे के सबूत की आवश्यकता होती है. 


नरसंहार स्कॉलर के अंतरराष्ट्रीय संघ के अध्यक्ष मेलानी ओ'ब्रायन (Melanie O'Brien, President of the International Association of Genocide scholars) ने कहा, " किसी भी देश में नरसंहार हुआ है यह साबित करना एक कठिन काम है. इसे साबित करने के लिए बहुत सारे सबूतों को जुटाना पड़ता है. नरसंहार करने वाले का इरादा एक संरक्षित समूह को निशाना बनाना था इसे साबित करना पड़ता है.


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