Myalgic Encephalomyelitis: 'मेरा आखिरी दिन होगा 27 जनवरी', इच्छा मृत्यु लेने वाली नीदरलैंड की इस लड़की ने पोस्ट में और क्या लिखा?
Lauren Hoeve chose Euthanasia: 28 वर्षीय लॉरेन होवे ने इच्छा मृत्यु चुनकर सबको हैरान कर दिया है. वह 2019 से मायलजिक एन्सेफेलोमाइलाइटिस नामक बिमारी से पीड़ित थीं.
Lauren Hoeve chose Euthanasia: नीदरलैंड की 28 वर्षीय लॉरेन होवे के इच्छा मृत्यु चुनने से हर कोई हैरान है. हालांकि, मरने से पहले लॉरेन ने काफी कुछ हद तक स्थिति से पर्दा उठा दिया था. वह लंबे समय से एक गंभीर बीमारी के साथ जूझ रही थीं. इस बीमारी का नाम मायलजिक एन्सेफेलोमाइलाइटिस (एमई) है. इसे क्रोनिक फेटीग सिंड्रोम भी कहते हैं. लॉरेन को अपनी इस गंभीर बीमारी के बारे में 2019 में पता चला था.
क्या है मायलजिक एन्सेफेलोमाइलाइटिस?
मायलजिक एन्सेफेलोमाइलाइटिस या क्रोनिक फेटीग सिंड्रोम की स्थिति में मरीज हमेशा थका हुआ महसूस करता है. हाल यह हो जाता है कि वह अपने दैनिक कार्य को भी पूरा नहीं कर पाता है. मरीज का मन करता है कि वह हमेशा ही बिस्तर पर पड़े रहे. लगातार आराम करने के बावजूद मरीज को थकान से मुक्ति नहीं मिलती है.
इस दौरान मरीज थोड़ी सी भी शारीरिक गतिविधि या मानसिक परिश्रम करता है तो उसकी स्थिति और बदतर हो जाती है. डॉक्टरों का मानना है कि यह बीमारी अक्सर 20 से 40 वर्ष के व्यक्तियों में देखने को मिलती है. इस बीच मरीज छह महीने से करीब एक साल तक इस बीमारी से पीड़ित रहता है.
27 जनवरी को लॉरेन ने चुनी इच्छा मृत्यु
लॉरेन ने आखिरकार अपने शरीर को 27 जनवरी 2024 को छोड़ दिया. उन्होंने अपने जीवन की आखिरी सांस परिवार और अपने अच्छे दोस्तों की उपस्थिति में ली. मृत्यु से पहले 27 जनवरी को दोपहर करीब 3.43 बजे लॉरेन ने एक मीम शेयर किया.
इसे शेयर करते हुए उन्होंने लिखा, 'यह मेरे जीवन का आखिरी ट्वीट होगा. प्यार देने के लिए सभी को धन्यवाद. मैं थोड़ा और आराम करने जा रही हूं और अपने प्रियजनों के साथ रहूंगी. मेरी तरफ से अंतिम मीम का आनंद उठाएं.'
बातचीत में बताई बिमारी की गंभीरता
2023 में उपचार के दौरान लॉरेन ने इस बीमारी की गंभीरता के बारे में आरटीएल नीउज के साथ खास बातचीत की थी. उन्होंने बताया था, 'मुझे जो थकान महसूस होती है वह स्वस्थ लोगों के थकान से तुलना नहीं की जा सकती है. यह सोने और आराम करने से भी कम नहीं होती है. कभी-कभी यह इतना बढ़ जाती है कि मैं पास रखे पानी के ग्लास को भी नहीं उठा पाती हूं.'
इच्छा मृत्यु पर क्या कहा लॉरेन ने?
लॉरेन ने आखिरकार इच्छा मृत्यु को क्यों गले लगाया इसपर भी बात की. उन्होंने बताया, 'मेरी बीमारी दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है. मैं जानती हूं, कुछ ऐसे मरीज भी हैं जिनकी स्थिति मुझसे भी बदतर है. वह अपने विचारों के साथ अकेले लड़ रहे हैं. मैं अपने लिए यह दर्द नहीं चाहती हूं. मुझे पहले से ही यह बीमारी काफी असहनीय महसूस होती थी. इच्छा मृत्यु मेरे लिए ऐसे है, जैसे मैं अपने लिए दया मांग रही हूं. मैं खुद को वह शांति देना चाहती हूं.'
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