रूस-यूक्रेन के बीच हो रहे जंग के 9 महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है. जंग की वजह से यूक्रेन में हर ओर तबाही के निशान ही दिख रहे हैं. रूसी मिसाइल लगातार यूक्रेन के इंफ्रास्ट्रक्चर को तबाह करने में जुटी है.


वहीं युद्ध के बीच हथियार के लिए यूक्रेनी राष्ट्रपति पिछले दिनों अचानक अमेरिका पहुंचे, जहां बाइडेन ने रूस से जंग लड़ने के लिए 15 हजार करोड़ रुपए का हथियार देने का ऐलान किया.


रूस से युद्ध लड़ने के लिए अमेरिका ने यूक्रेन को पेट्रियट मिसाइल सिस्टम भी देने की घोषणा की है. अमेरिका ने इस सिस्टम का इस्तेमाल कभी इराक के तानाशह सद्दाम हुस्सैन की सल्तनत खत्म करने के लिए किया था. 


बाइडेन-जेलेंस्की में क्या समझौता हुआ है?
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोल्दोमीर जेलेंस्की के अमेरिकी दौरे पर पहुंचने के बाद वाशिंगटन में बाइडेन प्रशासन ने कहा कि यूक्रेन को लगभग 15 हजार करोड़ रुपए का सैन्य सहायता देंगे. बाइडेन ने कहा- हम पैट्रियट मिसाइल सिस्टम भी देंगे, जिसका इस्तेमाल खुद पर हो रहे हमलों को रोकने के लिए किया जाएगा. 



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समझौते के तहत पहले यूक्रेनी सैनिकों को जर्मनी में इसे चलाने की ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके बाद जरूरत के हिसाब से इस मिसाइल सिस्टम को अलग-अलग जगहों पर तैनात किया जाएगा.


युद्ध में अब तक रूस को कितना नुकसान?



  • 101,403 रूसी सैनिक अब तक मारे जा चुके हैं.

  • 283 प्लेन और 267 हेलिकॉप्टर नष्ट हो चुका है.

  • 1988 आर्टलिरी और 653 क्रूस मिसाइल बर्बाद हो चुका है.


पहले समझिए पैट्रियट एयर डिफेंस सिस्टम क्या है?
यह एक ऑटोमेटिक डिफेंस सिस्टम है, जिसमें हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम, 30 मोर्टार सिस्टम, 37 कौगर माइन रेसिस्टेंट एम्बुश प्रोटेक्टेड व्हीकल, छह बख्तरबंद ट्रक, हाई-स्पीड एंटी-रेडिएशन मिसाइल, 2,700 से अधिक ग्रेनेड लॉन्चर और छोटे हथियार, नाइट विजन डिवाइस और ऑप्टिक्स और बॉडी आर्मर शामिल हैं.


इसकी ही तैनाती क्यों?
यह डिफेंस मिसाइल सिस्टम दुनिया की सबसे बेहतरीन डिफेंस सिस्टम में से एक है. इसकी तैनाती दुश्मन की बैलिस्टिक मिसाइल, क्रूज मिसाइल और लड़ाकू विमानों को पल भर में मार गिराने के लिए किया जाता है. अपनी तैनाती की जगह से 150 किलोमीटर दूर किसी मिसाइल को मार गिराने में सक्षम है.


इसे अमेरिका ने बनाया है और इसके कई वर्जन अभी अमेरिकी एयरफोर्स के बेड़े में शामिल है. रूस-यूक्रेन जंग में अमेरिका यूक्रेन का साथ दे रहा है, इसलिए पैट्रियट मिसाइल डिफेंस सिस्टम यूक्रेन को दिया गया है.


कैसे काम करता है?
पैट्रियट मिसाइल सिस्टम 3 फेज में काम करता है. पहला- रडार, दूसरा- कंट्रोल स्टेशन और तीसरा- मिसाइल लॉन्चर. 


1. रडार- सर्विलांस रडार 150-160 किमी दूर तक दुश्मन के मिसाइल को ट्रैक करता है. फिर कंट्रोल स्टेशन को निर्देश देता है.


2. कंट्रोल स्टेशन- कंट्रोल स्टेशन मिसाइल की पूरी जानकारी (मसलन- कितना पावरफुल है और स्पीड कितनी है) को ट्रैक करता है. ट्रैक करने के बाद मिसाइल लॉन्चर को निर्देश देता है.


3. मिसाइल लॉन्चर- कंट्रोल स्टेशन से निर्देश मिलने के बाद मिसाइल लॉन्चर 9 सेकेंड में तैयार हो जाता है. लॉन्चर में 16 मिसाइलें लगी होती है, जो तुरंत रडार में मौजूद मिसाइल को मार गिराता है.


खाड़ी युद्ध से लेकर फ्री इराक तक उपयोग
इस डिफेंस मिसाइल सिस्टम का उपयोग खाड़ी युद्ध से लेकर फ्री इराक मिशन तक में किया गया है. पैट्रियट मिसाइल सिस्टम की वजह से ही इराक में सद्दाम हुसैन की सत्ता चली गई. 


खाड़ी युद्ध में इराक को नेस्तनाबूत किया- 1990 में इराक ने गल्फ कंट्री कुवैत पर कब्जा जमा लिया. उस वक्त इराक के शासक सद्दाम हुसैन थे. इराक के इस फैसले के बाद अमेरिका, इजरायल समेत 34 देशों ने गठबंधन बनाया. 


गठबंधन के ऐलान होने के बाद इराक ने इजरायल और सऊदी अरब पर हमले तेज कर दिए. रॉकेट अटैक को देखते हुए अमेरिका ने पहली बार यहां पैट्रियट मिसाइल सिस्टम की तैनाती की. इस मिसाइल सिस्टम ने इराक के सभी रॉकेट और मिसाइल को मार गिराया. 


फ्री इराक मूवमेंट में सद्दाम की सत्ता गई- 2003 में तानाशाह सद्दाम हुसैन के खिलाफ फ्री इराक मिशन की शुरुआत हुई. इस मिशन में अमेरिकी और ब्रिटिश सैनिक भी शामिल थे. हुसैन की सेना ने अमेरिका और ब्रिटेन पर ताबड़तोड़ हमले शुरू कर दिए.


इस हमले के बाद अमेरिका ने पैट्रियट मिसाइल की तैनाती कर दी. पैट्रियट ने इराक के सभी मिसाइल और रॉकेट को ध्वस्त कर दिया. इसके बाद अमेरिकी सैनिकों ने सद्दाम को गिरफ्तार कर लिया. बाद में उन्हें फांसी दी गई. 


पैट्रियट की तैनाती पर पुतिन ने क्या बोला?
यूक्रेन में पैट्रियट की तैनाती पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि इससे युद्ध पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा. रूस इससे निपटने का कोई न कोई रास्ता जरूर ढूंढ निकालेगा. जो भी यूक्रेन को इस तरह की मदद पहुंचा रहे हैं वो इस संघर्ष को और बढ़ा रहे हैं.


जंग और तेज होगी?
हां, इसकी संभावनाएं ज्यादा है. कीव इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक बेलारूस सीमा पर रूस ने भारी संख्या में मिलिट्री फोर्स की तैनाती की है. खारेसन और ओब्लास्ट में नागरिकों को निकलने पर रोक लगाया गया है.


पिछले दिनों मॉस्को में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पुतिन ने कहा कि युद्ध खत्म होता ही है. हम चाहेंगे कि जल्द ही यह युद्ध भी खत्म हो जाए.