QUAD Meeting 2023: भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 24 मई को QUAD की मीटिंग में हिस्सा ले सकते हैं. इस बार QUAD की मीटिंग ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में होनी थी, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की वजह से इसमें बदलाव किया गया. अब यह मीटिंग जापान में होगी. जहां बाइडेन भी उसमें हिस्सा लेंगे.
बता दें कि QUAD भारत और अमेरिका समेत 4 देशों का एक रणनीतिक गठबंधन है. इसमें शामिल अन्य देश जापान और ऑस्ट्रेलिया हैं. QUAD का फुलफॉर्म- क्वाड्रीलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग है. 2007 में इसका गठन हुआ था. हालांकि, शुरुआत के लगभग 10 साल तक यह बहुत सक्रिय नहीं था. चीन का प्रभाव बढ़ने पर 2017 में QUAD को फिर से सक्रिय किया गया, तब क्वाड के नेताओं ने चीन के ‘सिल्क रूट’ (रेशम महापथ) की योजना का विरोध शुरू किया.
हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा के लिए अहम है यह अलायंस
स्ट्रेटजी एक्सपर्ट्स के मुताबिक, QUAD के गठन का प्रमुख अघोषित उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र यानी हिंद महासागर से लेकर प्रशांत महासागर के बीच पड़ने वाले इलाके में चीन के बढ़ते दबदबे पर लगाम लगाना है. इसके साथ ही इसका उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र के अन्य देशों को चीनी प्रभुत्व से बचाना भी है. इसके शुरूआती दौर में जब भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया, इन 4 देशों के शीर्ष नेताओं ने पहली बार संयुक्त संवाद आयोजित किया, तो QUAD को चीन ने ‘समुद्री झाग’ की उपमा दी थी. चीन ने समझ गया था कि गठबंधन का मुख्य लक्ष्य चीन का विरोध है.
चीन इसे ‘एशियन नाटो’ कहता है
हाल में चीन ने इसे ‘एशियन नाटो’ भी कह डाला. QUAD को लेकर चीन हमेशा से ही आपत्ति जताता रहा है और इसे चीन को घेरने की अमेरिकी चाल बताता रहा है. वहीं, QUAD मेंबर्स ने पिछली मीटिंग में जो जॉइंट स्टेटमेंट दिया था, उसके अनुसार QUAD का उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र को स्वतंत्र, खुला और समृद्ध बनाने की दिशा में काम करना है.
जॉइंट स्टेटमेंट में कहा गया, ''QUAD न केवल सुरक्षा बल्कि आर्थिक से लेकर साइबर सुरक्षा, समुद्री सुरक्षा, मानवीय सहायता, आपदा राहत, जलवायु परिवर्तन, महामारी और शिक्षा जैसे अन्य वैश्विक मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित करता है.''
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