एक्सप्लोरर

आर्थिक संकट से जूझ रहे सूडान के पास है इतना बड़ा सोने का भंडार, कुदरत का वरदान आज कैसे बन गया अभिशाप

सूडान में जारी हिंसा की एक बड़ी वजह सोने का खदान है. देश में सोने के खनन वाली 40,000 जगहें हैं. 13 प्रांतों में सोने का शोधन करने वाली 60 कंपनियां हैं.

सूडान में चल रहा गृह युद्ध अभी थमा नहीं है. संघर्ष विराम के बाद भी तनाव बना हुआ है. तीन हजार भारतीय भी सूडान में फंसे हुए हैं. अब तक 200 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के मुताबिक सूडान के अर्धसैनिक बल 'रैपिड सपोर्ट फोर्स' यानी आरएसएफ और वहां की सेना के बीच लड़ाई के चलते ये मौतें हुई हैं. दोनों पक्षों के बीच अधिकांश हमले राजधानी खार्तूम में हुए हैं.

ताजा संघर्ष के पीछे कई घटनाएं, राजनीतिक तनाव और संघर्ष की एक लंबी कहानी है. ये भी माना जा रहा है कि अप्रैल 2019 में जबसे ओमर अल बशीर की सरकार गिरी है, तब से सूडान में हालात नाजुक है. कहा ये भी जा रहा है कि हालिया हिंसा की वजह सूडान के अर्धसैनिक बल 'रैपिड सपोर्ट फोर्स' यानी आरएसएफ और वहां की सेना के बीच संवाद की कमी है. इन वजहों के अलावा सूडान में जारी संघर्ष का एक कारण सोना भी है. बता दें कि पूरे अफ्रीकी महाद्वीप में सबसे बड़ा सोने का भंडार सूडान में है. 

विदेशी मीडिया अलजजीरा की एक रिपोर्ट ये बताती है कि साल 2019 से पहले जब तक अल बशीर की सरकार थी, तबतक रूस का वैगनर समूह मुख्य रूप से सूडान के खनिज संसाधनों खासतौर से सोने के खनन संसाधनों पर पूरी नजर रखता था. वैगनर समूह सूडान के सोने के भंडार को किसी भी अंतरराष्ट्रीय विरोध से बचाने के लिए बशीर सरकार की मदद किया करता था. 

वैगनर समूह ने पहली बार 2014 में सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा था. उस दौरान इस ग्रुप को क्रीमिया पर हुए रूसी हमले में रूस के भाड़े के सैनिकों के तौर पर याद किया जाता है. माना जाता है कि वे सीरियाई युद्ध में भी शामिल थे, और रूसी सशस्त्र बलों का समर्थन करते थे. 

सूडान में वैगनर समूह का नेतृत्व येवगेनी प्रिगोझिन कर रहे हैं. प्रिगोझिन को पुतिन का शेफ के नाम से भी जाना जाता है. अल-बशीर के खिलाफ 2019 के विरोध प्रदर्शन हुए और सत्ता हाथ से चली गई. अल-बशीर के हाथ से सत्ता जाते ही प्रिगोझिन ने अब्देल फतह अल-बुरहान के साथ जुड़ने की कोशिश की. लेकिन 2019 में हुई हिंसा की वजह से संबध बेहतर होने के बजाय बिगड़ते चले गए. 

बता दें कि सूडान में रूस के हित सिर्फ सोने पर नहीं रुकते हैं. रूस लाल सागर पर पोर्ट सूडान में एक सैन्य अड्डा बनाने के लिए सूडान के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार है. बदले में रूस सूडान को हथियार और सैन्य उपकरण भेजने की बात कहता है.  इस संघर्ष के समय में यही सोने का खदान रणनीतिक रूप से अहम हो गया है. 

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, सिर्फ 2022 में ही सूडान ने 41.8 टन सोने के निर्यात से करीब 2.5 अरब डॉलर की कमाई की थी. यानी सोना ही सूडान के लिए सबसे मुनाफा पहुंचाने वाला धंधा है.

मौजूदा वक्त में इन सोने की खदानों पर हेमेदती यानी मोहम्मद हमदान दगालो और आरएसएफ मिलीशिया का कब्जा है.  दोनों ही इस धातु को केवल खार्तूम सरकार को ही नहीं बल्कि पड़ोसी मुल्कों को भी बेचते हैं. दूसरी तरफ रूस की तरफ से  प्रिगोझिन भी सोने के खनन का काम करवाते रहते हैं. साफ है कि सूडान में बड़े पैमाने पर सोने का खनन जारी है. सूडान के सोने के नाम मेरो गोल्ड है. 

वहीं यूरोपीय संघ ये दावा भी करती है कि मेरो गोल्ड पर वैगनर समूह का अधिकार है. वैगनर समूह ने ये अधिकार सूडानी सेना के साथ अपनी संबद्धता के जरिए हासिल किया है. 

बीबीसी की एक रिपोर्ट बताती है कि अंधाधुन सोने के खनन ने खदानों के आस पास के इलाकों पर बहुत बुरा असर पड़ा है. खदानों के ढहने से मरने वालों की भारी संख्या और शोधन में इस्तेमाल होने वाले मर्करी और आर्सेनिक ने इस तबाही को और गंभीर बना दिया है.

ताजा हिंसा में 'सोना' की भूमिका 

वैगनर ने हाल ही में आरएसएफ और कमांडर जनरल मोहम्मद हमदान डागालो के साथ संबंध बनाए हैं. इसका मुख्य उद्देश्य सूडान से दुबई और फिर रूस तक सोने के लिए एक तस्करी का रास्ता बनाना है. 

क्या वैगनर सूडान में लड़ाई में शामिल है?

स्वीडन के उप्साला विश्वविद्यालय में शांति और संघर्ष अनुसंधान विभाग के प्रमुख अशोक स्वैन ने अलजजीरा से ये कहा कि वैगनर समूह देश में अपनी उपस्थिति बनाए रखने और अपने अपने फायदे के लिए सूडान के व्यापारिक हितों की रक्षा के लिए वर्तमान लड़ाई में शामिल हो सकता है. 

रूस की सरकारी समाचार एजेंसी आरआईए के मुताबिक सूडान में रूस के दूतावास ने कहा कि वह हिंसा से चिंतित है और उसने संघर्ष विराम और वार्ता का आह्वान किया है. 

अशोक स्वैन का ये कहना था कि अगर संघर्ष गृह युद्ध में फैलता है और प्रिगोझिन के खनन कार्य को खतरा होता है, इससे सैन्य झड़प बढ़ेंगी और ज्यादा तादाद में मौतें होंगी. 

सूडान और सोना 'अभिशाप'

साल 1956 तक सूडान ब्रिटिश शासन का हिस्सा था. इसके बाद एकीकरण की प्रक्रिया शुरू हुई जो उतार चढ़ाव से भरा रहा. इस दौरान देश को अपने तेल भंडार के बारे में पता चला और यह मुख्य वित्तीय स्रोत बन गया. 1980 के दौर में उसके बाद देश के दक्षिणी हिस्से में आजादी के लिए संघर्ष शुरू हो गया. 

2011 में रिपब्लिक ऑफ साउथ सूडान बनने के साथ ये संघर्ष खत्म हुआ. दक्षिणी सूडान बनने के साथ ही कच्चे तेल के निर्यात से होने वाली दो तिहाई आमदनी वहां चला गया.

साल 2012 में देश के उत्तरी हिस्से में सोने के विशाल भंडार का पता चला. ये सोने का भंडार देश की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिये पर्याप्त था.

टफ़्ट्स यूनिवर्सिटी सूडान से जुड़े एक्सपर्ट एलेक्स डी वाल ने बीबीसी को बताया, "इसे ईश्वर की देन समझा गया और माना गया कि साउथ सूडान की वजह से देश ने जो खोया, उसकी भरपाई हो सकती है." लेकिन जल्द ही ये खोज अभिशाप बन गई. अलग-अलग पक्ष इस क्षेत्र पर कब्जा करना चाहते थे. और देश में लूटपाट और मारकाट शुरू हो गयी. 

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट बताती है कि इसी दौरान हजारों लोग अपनी किस्मत आजमाने के लिए यहां पर सोना लूटने को इकट्ठा हुए . कुछ लोगों के हाथ सोना लगा भी, वहीं कुछ लोग  भुरभुरी खदान धंस गए और वहीं पर मारे गए.  वजह सोना को शोधन करते समय मर्करी और आर्सेनिक गैस का निकलना था जो उनके लिए जहर साबित हुई. 

साल 2021 में वेस्ट कोर्डोफान प्रांत में सोने की एक खदान धंसने से 31 लोग मारे गए थे. बीते मार्च में ही एक खदान के धंसने की वजह से 14 लोगों की जान चली गई.  

सूडान यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी की रिसर्च ये बता चुकी है कि सूडान के पानी में मर्करी का स्तर 2004 पीपीएम (पार्ट्स पर मिलियन) और आर्सेनिक का स्तर 14.23 पीपीएम पाया गया है. जबकि पानी में मर्करी का मान्य स्तर 1 पीपीएम और आर्सेनिक का 10 पीपीएम है.

खार्तूम यूनिवर्सिटी में पर्यावरणीय कानून पढ़ाने वाले प्रोफेसर अल जीली हामूदा सालेह ने बीबीसी को बताया कि बड़े पैमाने पर मर्करी और आर्सेनिक का इस्तेमाल देश में निश्चित ही पर्यावरणीय तबाही लाएगा."

प्रोफेसर अल जीली हामूदा सालेह के मुताबिक, " देश में 40,000 जगहों से सोने का खनन होता है. देश के 13 प्रांतों में सोने का शोधन करने वाली 60 कंपनियां हैं, दक्षिणी कोर्दोफान की 15 कंपनियां पर्यावरणीय मानदंडों को नहीं मानती हैं इसलिए अभी कुछ भी बदलने नहीं जा रहा."

कोशिशों के बाद नहीं निकला रास्ता

2019 में सेना के सूडान में तख्तापलट हुआ और ओमर अल बशीर की सरकार गिरने के बाद सत्ता देश दो प्रमुख लोगों हेमेदती और अल बुरहान के हाथ में चली गई.  इन दोनों के ही पास हथियारबंद समूह थे.  

पिछले साल दिसम्बर में दोनों के बीच इस बात पर सहमति बनी कि सोने का सारा उत्पादन चुनी हुई सरकार को सौंप दिया जाएगा. लेकिन धीरे-धीरे  हेमेदती की ताकत गई और अल बुरहान के करीबी लोगों ने आरएसएफ की गतिविधियों को नियंत्रित करने की सेना को सलाह दी."

उत्तरी सूडान में सोने की खदानों के नियंत्रण और हिस्सेदारी में कई और ताकते भी सक्रिय हैं ऐसे में ये  बुरहान ने एक व्यापक राजनीतिक रास्ता अपनाया . हेमेदती से सुरक्षा सुधार वार्ता करने की कोशिश की गई. जवाब में हेमेदती ने बुरहान की एक भी शर्त नहीं मानी. ऐसे में कई कारणों के अलावा सोना ताजा संघर्ष का प्रमुख कारण बन गया.  सोना की वजह वजह से बीते सप्ताहांत हिंसा भड़क उठी. 

सोने की लड़ाई में कौन बनेगा सिकंदर

बीबीसी की एक रिपोर्ट बताती है कि अभी कुछ भी तय नहीं है. दोनों पक्ष में से एक पक्ष जीत भी जाता है तो ये तय कर पाना मुश्किल होगा कि ये जीत मुकम्मल है भी या नहीं. इसलिए दोनों पक्षों में जान-माल और रंजिश की संख्या बढ़ेगी और इसकी वजह से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ेगा. 

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Maulana Tauqeer Raza: ‘अंदर ही अंदर भर रहा लावा, किसी दिन फट जाएगा ज्वालामुखी’, तौकीर रजा ने मुस्लिमों से कर दी ये अपील
‘अंदर ही अंदर भर रहा लावा, किसी दिन फट जाएगा ज्वालामुखी’, तौकीर रजा ने मुस्लिमों से कर दी ये अपील
नतीजों से पहले शिवसेना प्रवक्ता का बड़ा दावा, 'एकनाथ शिंदे ही मुख्यमंत्री होंगे लेकिन...'
नतीजों से पहले शिवसेना प्रवक्ता का बड़ा दावा, 'एकनाथ शिंदे ही मुख्यमंत्री होंगे लेकिन...'
IND vs AUS: कप्तान जसप्रीत बुमराह ने पहले टेस्ट में कर दिया क्लियर, एकतरफा नहीं होगी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की यह सीरीज
कप्तान जसप्रीत बुमराह ने पहले टेस्ट में कर दिया क्लियर, एकतरफा नहीं होगी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की यह सीरीज
'वो अभी भी शादीशुदा हैं', एआर रहमान-सायरा बानो के तलाक पर वकील का खुलासा, हैशटैग वाले मामले पर दी सफाई
'वो अभी भी शादीशुदा हैं', एआर रहमान-सायरा बानो के तलाक पर वकील का खुलासा
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Gautam Adani Bribery Case Update: अदाणी ग्रुप पर आरोपों का चीन कनेक्शन?Delhi-NCR में प्रदूषण को लेकर Supreme Court का केंद्र सरकार को बड़ा निर्देश | PM ModiDelhi BJP Meeting : संगठन चुनाव को लेकर दिल्ली में बीजेपी की बड़ी बैठक जारी | Breaking NewsPunjab Police Encounter : आतंकी लखबीर सिंह के दो गुर्गों का पुलिस से एनकाउंटर | Breaking News

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Maulana Tauqeer Raza: ‘अंदर ही अंदर भर रहा लावा, किसी दिन फट जाएगा ज्वालामुखी’, तौकीर रजा ने मुस्लिमों से कर दी ये अपील
‘अंदर ही अंदर भर रहा लावा, किसी दिन फट जाएगा ज्वालामुखी’, तौकीर रजा ने मुस्लिमों से कर दी ये अपील
नतीजों से पहले शिवसेना प्रवक्ता का बड़ा दावा, 'एकनाथ शिंदे ही मुख्यमंत्री होंगे लेकिन...'
नतीजों से पहले शिवसेना प्रवक्ता का बड़ा दावा, 'एकनाथ शिंदे ही मुख्यमंत्री होंगे लेकिन...'
IND vs AUS: कप्तान जसप्रीत बुमराह ने पहले टेस्ट में कर दिया क्लियर, एकतरफा नहीं होगी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की यह सीरीज
कप्तान जसप्रीत बुमराह ने पहले टेस्ट में कर दिया क्लियर, एकतरफा नहीं होगी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की यह सीरीज
'वो अभी भी शादीशुदा हैं', एआर रहमान-सायरा बानो के तलाक पर वकील का खुलासा, हैशटैग वाले मामले पर दी सफाई
'वो अभी भी शादीशुदा हैं', एआर रहमान-सायरा बानो के तलाक पर वकील का खुलासा
इस राज्य में होगी सरकारी डॉक्टरों की भर्ती, यूपीएससी के जरिए भरे जाएंगे पद
इस राज्य में होगी सरकारी डॉक्टरों की भर्ती, यूपीएससी के जरिए भरे जाएंगे पद
Vidhan Sabha Chunav Results 2024: कहां है शिवसेना-शिवसेना और NCP-NCP में कांटे की टक्कर, BJP-JMM में भी कड़ा मुकाबला, ये रहीं महाराष्ट्र और झारखंड की सारी VIP सीटें
कहां है शिवसेना-शिवसेना और NCP-NCP में कांटे की टक्कर, BJP-JMM में भी कड़ा मुकाबला, ये रहीं महाराष्ट्र और झारखंड की सारी VIP सीटें
Gold Loan: RBI को गोल्ड लोन देने में मिली गड़बड़ी, ईएमआई और टर्म लोन की ओर रुख कर सकते हैं लेंडर्स
RBI को गोल्ड लोन देने में मिली गड़बड़ी, ईएमआई और टर्म लोन की ओर रुख कर सकते हैं लेंडर्स
पीएम आवास योजना की लिस्ट में नहीं आ रहा है नाम? जान लें कैसे करना है आवेदन
पीएम आवास योजना की लिस्ट में नहीं आ रहा है नाम? जान लें कैसे करना है आवेदन
Embed widget