क्या है वदीमा कानून और क्यों मिली UP की शहजादी को दुबई में फांसी की सजा, जानिए
UAE News: उत्तर प्रदेश की एक महिला शहजादी को यूएई में मौत की सजा सुनाई है. शहजादी के पिता शब्बीर खान ने भारतीय अधिकारियों और सरकार से हस्तक्षेप करने करने की मांग की है.

UAE News: UAE अपने सख्त कानूनों के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है. यहां पर बच्चों की सुरक्षा को लेकर बेहद सख्त कानून हैं. इसी कानून के तहत उत्तर प्रदेश की शहजादी को दुबई में फांसी की सजा सुनाई गई है. फिलहाल वो जेल में बंद हैं.
इस कानून का नाम वदीमा कानून (Wadeema’s Law) है. इस कानून के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति की लापरवाही की वजह से बच्चे की जान चली जाती है तो उसे कड़ी सजा मिलने का प्रावधान है.
जानें क्या है ये वदीमा कानून
वदीमा कानून, जिसे यूएई में चाइल्ड राइट्स लॉ (Child Rights Law) भी कहा जाता है, बच्चों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए लागू किया गया था. यह कानून 2016 में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में बच्चों के संरक्षण और उनकी भलाई के लिए लागू हुआ था. इसका उद्देश्य बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना, उनके शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देना, और उन्हें हिंसा, शोषण, दुर्व्यवहार से बचाना है.
इस कानून के अंतर्गत, अगर किसी व्यक्ति की लापरवाही की वजह से किसी बच्चे की मौत हो जाती है तो उसे कड़ी से कड़ी से सजा का सामना करना पड़ सकता है. UAE के संघीय कानून संख्या 3 के अनुच्छेद 342 के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति की गलती की वजह से किसी की मौत हो जाती है तो उसे जेल की सजा के साथ-साथ भारी जुर्माने का भी सामना करना पड़ता है. इसी प्रावधान के तहत उत्तर प्रदेश की शहजादी को दुबई में मृत्युदंड सुनाई गई है.
जानें क्या है पूरा मामला
दरअसल, उत्तर प्रदेश की एक महिला शहजादी को एक बच्चे की दुखद हत्या के आरोप में फांसी की सजा का सामना करना पड़ रहा है. शहजादी के पिता ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि बचपन में उसका चेहरा जल गया था. कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान वह रोटी बैंक ऑफ बांदा में काम कर रही थी. इसी दौरान फेसबुक के जरिए उसकी दोस्ती आगरा के उजैर नाम के शख्स से हुई. नवंबर 2021 में उजैर ने शहजादी को इलाज के लिए दुबई भेजा था. दुबई में वह उजैर के रिश्तेदारों के संपर्क में आई, जिसमें उसके चाचा फैज और चाची नाजिया के साथ-साथ नाजिया की सास अंजुम सहाना बेगम भी शामिल थीं.
शब्बीर के अनुसार, नाजिया ने एक बेटे को जन्म दिया, जिसकी दुखद मौत चार महीने और 21 दिन की उम्र में हो गई. इसके बाद शहजादी पर बच्चे की मौत का आरोप लगाया गया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया. शब्बीर का दावा है कि उनकी बेटी को इस मामले में झूठा फंसाया गया है.
उठाई सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग
उसके पिता शब्बीर खान ने भारतीय अधिकारियों और सरकार से हस्तक्षेप करने और अपनी बेटी को बचाने के लिए कई बार अपील की है. उनका कहना है कि शहजादी निर्दोष है और उस पर गलत आरोप लगाया गया है. इंडियन एंबेसी यूएई सरकार के लगातार संपर्क में है. शहजादी के केस में रिव्यू पिटीशन दायर किया गया है जो विचाराधीन है.
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