Joe Biden Xenophobia Update : अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का भारत और चीन को लेकर जेनोफोबिक वाला बयान चर्चाओं में है। बाइडेन एक रैली में कहा था, भारत, चीन, रूस और जापान जेनोफोबिक देश हैं. जेनोफोबिक उनको कहा जाता है, जो बाहरी लोगों से नफरत करते हैं. यानी बाइडेन ने भारत को एक ऐसा देश कहा है, जो दूसरे देशों के लोगों से नफरत करता है. बाइडेन के मुताबिक, चीन, जापान और भारत में जेनोफोबिया की वजह से ही डवलेपमेंट नहीं हो पा रहा है. ये देश जेनोफोबिया की भावना की वजह से माइग्रेशन के नाम से डरते हैं.
क्या है जेनोफोबिया का मतलब?
कैंब्रिज डिक्शनरी के अनुसार, जेनोफोबिया का अर्थ विदेशियों, उनके रीति-रिवाजों, उनके धर्मों आदि को नापसंद करना या उनसे डरना से है. मरियम-वेबस्टर के अनुसार, जेनोफोबिया का मतलब -अजनबियों या विदेशियों या किसी भी अजीब या विदेशी चीज से डर और नफरत है. दूसरे शब्दों में कहें तो विदेशी लोगों को नापसंद करना जेनोफोबिया कहलाता है.
इस साल चुनाव, इसलिए दे रहे ऐसे बयान!
अमेरिका में इस साल नवंबर में राष्ट्रपति का चुनाव है. बुधवार को बाइडेन एक रैली को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने अप्रवासियों का मुद्दा उठाते हुए कहा, हमारी अर्थव्यवस्था के बढ़ने का एक मुख्य कारण आप लोग हैं. हम बाहरी लोगों का स्वागत करते हैं, लेकिन कई देश ऐसे लोगों को बोझ समझते हैं. चीन आर्थिक रूप से इतनी बुरी तरह क्यों रुक रहा है, जापान को परेशानी क्यों हो रही है, रूस को क्यों दिक्कत है, भारत क्यों नहीं बढ़ रहा है, क्योंकि वे जेनोफोबिक हैं. वे अप्रवासियों को नहीं चाहते, लेकिन सच ये है कि आप्रवासी ही हमें मजबूत बनाते हैं. दरअसल चुनाव के लिए माइग्रेशन एक बड़ा मुद्दा बन गया है. बाइडेन ने डोनाल्ड ट्रंप की अप्रवासी विरोधी बयानबाजी की भी निंदा की है. बाइडेन का कहना है कि प्रवासी परेशानी का सबब नहीं, हमारी अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा हैं.