अफगानिस्तान में तालिबानी सत्ता आते ही भारत से लगी सीमा पर चीन और पाकिस्तान ने बदले अपने कमांडर्स
जिस दिन चीन ने भारत से सटी एलएसी सीमा पर वेस्टर्न थियेटर कमान के अपने कमांडर का तबादला किाय तो पाकिस्तान ने भी एलओसी पर अपने कमांडर को बदल दिया.
नई दिल्लीः अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता संभालते ही चीन और पाकिस्तान, दोनों ने ही भारत से सटी सीमा पर अपने अपने कमांडर्स को बदल दिया है. चीन की पीएलए आर्मी ने वेस्टर्न थियेटर कमान (डब्लूटीसी) के नए कमांडर को नियुक्त किया है. पिछले एक साल में डब्लूटीसी के चार कमांडर बदले जा चुके हैं. वहीं, पाकिस्तान ने भी एलओसी की जिम्मेदारी निभाने वाली रावलपिंडी कोर के कमांडर को बदल दिया है.
जानकारी के मुताबिक, चीन ने अपने पांच ने कमांडर्स को प्रमोशन देते हुए जनरल की रैंक प्रदान की. खुद चीन के राष्ट्रपति, शी जिनपिंग इन जनरर्ल्स के पदोन्निति समारोह के दौरान मौजूद थे. लेकिन इन पांच जनरल में सबसे ज्यादा चौकान्ने वाला नाम था जनरल वांग हाईजियांग, जिन्हें पीएलए आर्मी की वेस्टर्न थियेटर कमान (डब्लूटीसी) का कमांडर नियुक्त किया गया है. डब्लूटीसी ही चीन के शिनजियांग और तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के साथ-साथ भारत से सटी लाइन ऑफ एक्चुयल कंट्रोल (एलएसी) की जिम्मेदारी निभाती है.
पिछले एक साल में चीन ने डब्लीटीसी कमान के चार कमांडर्स को बदल दिया है. हालांकि, चीन ने इस बदलाव का कोई कारण नहीं दिया है, लेकिन माना जा रहा है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर चल रही परिस्थितियों को लेकर नाखुश हैं. यही वजह है कि जब से पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर भारत से तनाव शुरू हुआ है चीन ने चार कमांडर्स को बदल दिया है.
हैरानी की बात ये है कि जिस दिन चीन ने भारत से सटी एलएसी के लिए जिम्मेदार वेस्टर्न थियेटर कमान के अपने कमांडर को बदला तो पाकिस्तान ने भी एलओसी पर अपने कमांडर को बदल दिया है. पाकिस्तानी सेना ने लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद मिर्जा को रावलपिंडी कोर (10 कोर) का कमांडर नियुक्त किया है. 'पिंडी कोर' ही लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) की जिम्मेदारी निभाती है.
हालांकि, चीन की तरह ही पाकिस्तान ने भी अपने कई कमांडर्स की जिम्मेदारियों में फेरबदल किया है. पाकिस्तानी सेना ने अपनी स्ट्राइक कोर (मुल्तान कोर) के कमांडर को भी बदल दिया है. साथ ही पाकिस्तान ने नए चीफ ऑफ जनरल स्टाफ को भी नियुक्त किया है.
चीन और पाकिस्तान की नई तैनाती को लेकर भारत के सूत्रों का कहना है कि ये महज इत्तेफाक भी हो सकता है या सोची समझी साजिश के तहत भी हो सकता है. लेकिन भारत पूरी परिस्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है.
अजीत डोभाल और रूसी NSA के बीच अफगानिस्तान पर अहम बैठक, तालिबान समेत जैश और लश्कर पर चर्चा