India Good Friend Survey Result: इस वक्त देश की स्थिति वैश्विक स्तर पर बेहद मजबूत है. इसकी सबसे बड़ी वजह है भारतीय सरकार की विदेश नीति, जिसकी वजह से आज के वक्त में भारत के रिश्ते दुनिया के 2 सुपर पावर देश कहे जाने वाले अमेरिका और रूस के साथ बेहद मजबूत हैं.


हाल ही में India Today की तरफ से किए गए सर्वे में एक सवाल पूछा गया कि वैश्विक स्तर पर भारत का सबसे अच्छा दोस्त कौन है? अमेरिका या रूस. इस सवाल पर आए आंकड़ों के नतीजों ने सबको चौंका दिया. इस पर 31 फीसदी जनता ने रूस के पक्ष में अपना वोट दिया, जबकि 26 फीसदी लोगों ने अमेरिका को भारत का सबसे अच्छा दोस्त माना.


India Today Mood of the nation Poll के सर्वे के नतीजों मे 5 तरह के रिजल्ट निकल कर सामने आए, जिसमें 31 फीसदी लोगों ने रूस को भारत का सबसे अच्छा दोस्त माना, 26 लोगों ने अमेरिका के पक्ष में जवाब दिया. वहीं 25 फीसदी लोगों ने दोनों देश को भारत का अच्छा दोस्त माना और 9-9 फीसदी के बराबर संख्या के साथ लोगों ने नहीं और नहीं जानते या कुछ कह नहीं सकते के रूप में जवाब दिया.


अमेरिका के साथ भारत के रिश्तें
इस वक्त दुनिया में भारत के जो रिश्ते बड़े देशों (अमेरिका और रूस) के साथ है, वो वाकई में काबिले-तारीफ हैं. हाल ही में जून के आखिरी दिनों में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका का दौरा किया था, जिसमें उन्होंने कई बड़े मुद्दों पर बात किया. उन्होंने चीन के मुद्दों पर अमेरिका से बातचीत की. आतंकवाद की समस्या पर बात की. इसके अलावा नए-नए टेक्नोलॉजी के लेन-देन की बात की है.


इस यात्रा के दौरान दो बड़े डिफेंस डील भी पूरे किए गए, जिनमें अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ करार किया. इस डील के मुताबिक इंडियन एयरफोर्स के फाइटर जेट के लिए इंजन बनाने का काम करेगी. वहीं भारत सरकार की रक्षा खरीद परिषद (DAC) ने 31 हथियार बंद MQ-9B ड्रोन खरीदने के सौदे पर भी मंजूरी दी है.


रूस के साथ भारत के रिश्ते
रूस की बात की जाए तो भारत का रिश्ता रूस के साथ काफी गहरा माना जाता है. भारत और रूस के बीच बीते 60 सालों से गहरे संबंध है. भारत के रिश्ते भले ही अमेरिका के अतीत में अच्छे न रहे हो लेकिन, रूस के साथ रिश्तों में अभी तक कोई भी फासले नहीं आए है. उदाहरण के तौर पर 70 के दशक में भारत के परमाणु परीक्षणों का USSR ने खुलकर समर्थन किया था और 70 के दशक से अब तक इंडियन डिफेंस सिस्टम के बुनियादी ढांचों में रूस का समर्थन रहा है.


साल 1990 के USSR के टूटने के बाद भी रूस ने नए स्तर से भारत के साथ अपने रिश्तों को नए आयाम दिए. हाल ही में रूस और यूक्रेन युद्ध के दौरान भारत ने अपना पक्ष पूरी तरह से साफ रखते हुए रूस के साथ रिश्तो में किसी तरह की कड़वाहट नहीं आने दी.


वहीं दुनिया के कई देशों ने रूस का विरोध किया, जिनमें अमेरिका सबसे आगे रहा. अमेरिका ने कई तरह की पाबंदी रूस पर लागू कर दी. हालांकि, इस दौरान भारत ने रूस से कम दामों पर तेल खरीदा, जिसका यूरोपीय देशों ने काफी विरोध किया, इसके बावजूद भारत लगातार तेल खरीदता रहा.


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