Canada: कनाडा सरकार के नए नियम भारतीयों समेत अंतरराष्ट्रीय छात्रों की मुसीबत बढ़ा रहे हैं. हाल ही में किए कुछ बदलावों की वजह से छात्रों के सामने कई चुनौतियां खड़ी हुई हैं. कई छात्रों को फाइनेंशियल दिक्कतों का भी सामना करना पड़ रहा है. मीडिया से बातचीत में कई छात्रों ने अपनी आपबीती बताई है. 

 

कनाडा सरकार से नाराज भारतीय और अंतरराष्ट्रीय छात्र लगातार विरोध प्रदर्शन भी कर रहे हैं. छात्रों ने कहा कि नए बदलाव कनाडा में उनके निवास और करियर के लक्ष्य को प्रभावित कर सकते हैं. विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने ट्रूडो सरकार से सख्त नियम को वापस लेने की मांग की है.

छात्रों को हो रहीं ये दिक्कतें-


- भारत से बड़ी संख्या में छात्र कनाडा जाते हैं. कई रिपोर्ट्स के आंकड़ों में इस बात का खुलासा हुआ है कि छात्रों को अब कनाडा में रहने के लिए खासी दिक्कतें हो रही है जिसकी मुख्य वजह है जीवन-यापन के लिए आवश्यक खर्चे का बढ़ना. अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को कनाडाई स्टडी परमिट के योग्य होने के लिए अपने बैंक खातों में दोगुनी राशि की जरुरत होगी. अहम ये है कि ये राशि, फर्स्ट ईयर के ट्यूशन और ट्रैवल कॉस्ट के अतिरिक्त है. 

 

- ट्रूडो सरकार के फैसले के मुताबिक, अंतर्राष्ट्रीयय छात्र अब हफ्ते में सिर्फ 24 घंटे ही कॉलेज कैंपस से बाहर जाकर काम कर पाएंगे. कनाडा में ज्यादातर शिफ्ट की टाइमिंग आठ घंटे है यानी कि अब छात्र सिर्फ हर हफ्ते तीन शिफ्ट ही कर पाएंगे जिससे उनके लिए अपने खर्चों को पूरा कर पाना काफी मुश्किल हो जाएगा. 

 

- जीवनसाथी के लिए ओपन वर्क परमिट पर रोक लगना भी परेशानी की वजह बना है. जनवरी 2024 में घोषणा हुई कि ओपन वर्क परमिट सिर्फ मास्टर्स और डॉक्टरेट प्रोग्राम वाले इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के जीवनसाथियों के लिए ही उपलब्ध होंगे. वहीं इसके लिए अंडरग्रेजुएट और कॉलेज प्रोग्राम वाले स्टूडेंट पात्र नहीं होंगे.

 

- नए नियमों के बाद कनाडा में नौकरियों पर भी खतरा मंडराने लगा है. ट्रूडो सरकार ने अस्थायी विदेशी कर्मचारी कार्यक्रम के संबंध में भी कुछ नीतिगत बदलाव किए हैं. माना जा रहा है कि इन बदलावों का असर अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की नौकरियों की संभावनाओं पर पड़ेगा.