विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने आपात इस्तेमाल के लिए सिनोवाक बायोटेक की तरफ से तैयार की गई कोविड-19 वैक्सीन को सोमवार को मंजूरी दे दी है. चीन में बनी यह दूसरी वैक्सीन है जिसे डब्ल्यूएचओ की तरफ से इस्तेमाल की इजाजत मिली है. मंगलवार को विश्व स्वास्थ्य निकाय की तरफ से यह बयान जारी कर बताया गया. इससे पहले रूस में बनी सिनोफार्म वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की डब्ल्यूएचओ ने इजाजत दी थी.
WHO की आपातकालीन सूची उत्पाद की सुरक्षा और प्रभावोत्पाकता पर राष्ट्रीय नियामकों के लिए एक संकेत है. यह कोवैक्स के तहत दुनियाभर के गरीब देशों में चलाए जा रहे वैक्सीनेशन प्रोग्राम की भी इजाजत देता है, जो भारत की तरफ से वैक्सीन की निर्यात रोके जाने की वजह से आपूर्ति में कमी का सामना कर रहा है.
एक बयान में एक्सपर्ट के इंडिपेंडेंट पैनल ने कहा कि सिनोवाक वैक्सीन को 18 साल से ऊपर के लोगों के लिए सिफारिश की जाती है जिसका दूसरा डोज 2-4 हफ्ते में लिया जाए. डेटा के आधार पर ऊपरी उम्र सीमा नहीं बताई गई है, जिससे यह साफ है कि बुजुर्गों में भी यह प्रभावी है.
डब्ल्यूएचओ ने कोविड-19 के खिलाफ मॉडर्ना की वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है. इस अमेरिकी टीका निर्माता कंपनी के अलावा अब तक एस्ट्राजेनेका, फाइजर-बायोएनटेक और जॉनसन एंड जॉनसन और सिनोफॉर्म के टीकों को डब्ल्यूएचओ से इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है.
ये भी पढ़ें: कोविड से ठीक होने के 2-6 हफ्तों तक रहें सावधान, बच्चों में फिर नजर आ रहे कोरोना जैसे लक्षण