Monkeypox Global Health Emergency: केरल के बाद अब देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) में भी मंकीपॉक्स का केस मिल गया है. दिल्ली में मिले मरीज की कोई इंटरनेशनल ट्रेवल हिस्ट्री भी नहीं है. इसी बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकीपॉक्स को इंटरनेशनल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है. मंकीपॉक्स ने 74 देशों में लगभग 17,000 लोगों को प्रभावित किया है. डब्ल्यूएचओ के प्रमुख डॉक्टर टेड्रोस एडनॉम गेब्रियेसस ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "मैं मंकीपॉक्स संक्रमण को वैश्विक स्वास्थ्य आपातस्थिति घोषित कर रहा हूं."


उन्होंने कहा कि गुरुवार को हुई विशेषज्ञ समिति की बैठक आम सहमति तक पहुंचने में असमर्थ थी, इसलिए ये तय करना मेरे ऊपर था कि इसे इमरजेंसी घोषित करना है या नहीं. उन्होंने कहा, "डब्ल्यूएचओ का आंकलन है कि मंकीपॉक्स का जोखिम विश्व स्तर पर कम है और यूरोपीय क्षेत्र में ज्यादा है." 


74 देशों में फैला मंकीपॉक्स


22 जुलाई को प्रकाशित यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) की एक रिपोर्ट के अनुसार, मंकीपॉक्स ने 74 देशों में 16,800 से अधिक लोगों को प्रभावित किया है. मई की शुरुआत से पश्चिम और मध्य अफ्रीकी देशों के बाहर मंकीपॉक्स के संक्रमण में वृद्धि दर्ज की गई है. अफ्रीकी देशों में ये बीमारी लंबे समय से बनी हुई थी. 


क्या है बीमारी का मुख्य कारण?


कुल मिलाकर, 98 प्रतिशत संक्रमित लोग समलैंगिक या बाइसेक्सुअल पुरुष थे. संक्रमित होने से पहले इनमें से लगभग एक तिहाई पिछले महीने के भीतर सेक्स-ऑन-साइट स्थानों जैसे कि पार्टियों या सौना में शामिल हुए थे. टेड्रोस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने कहा कि, "ये प्रकोप पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों में केंद्रित था, विशेष रूप से कई लोगों के साथ संबंध बनाने के कारण." उन्होंने सभी देशों से पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों के समुदायों के साथ मिलकर काम करने, प्रभावी जानकारी और प्रभावित समुदायों की रक्षा करने वाले उपायों को अपनाने का आग्रह किया. 


क्यों मंकीपॉक्स को WHO ने घोषित किया इंटरनेशनल हेल्थ इमरजेंसी? 


बता दें कि, 23 जून को डब्ल्यूएचओ ने विशेषज्ञों की एक आपातकालीन समिति (ईसी) को ये तय करने के लिए बुलाया कि क्या मंकीपॉक्स एक पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑफ इंटरनेशनल कंसर्न (पीएचईआईसी) है. तब समिति ने टेड्रोस को सलाह दी थी कि अभी बीमारी इमरजेंसी के लेवल तक नहीं पहुंची. दूसरी बैठक बीते गुरुवार को बुलाई गई थी. जहां टेड्रोस ने कहा कि वह बढ़ते मामलों को लेकर चिंतित हैं. जिसके बाद अब मंकीपॉक्स को इंटरनेशनल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया गया. 


1970 में मिला था मंकीपॉक्स का पहला केस


मंकीपॉक्स चेचक जैसा एक वायरल संक्रमण है और पहली बार 1970 में मनुष्यों में पाया गया था. ये चेचक की तुलना में कम खतरनाक और संक्रामक है. न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित 16 देशों में 528 लोगों पर किए गए एक अध्ययन के अनुसार, नब्बे प्रतिशत मामलों को यौन गतिविधि के माध्यम से ट्रांसमिट किया गया है. ये इस तरह का अब तक का सबसे बड़ा शोध है. 


इस वैक्सीन की सिफारिश की


यूरोपीय संघ के ड्रग कंट्रोलर ने शुक्रवार को मंकीपॉक्स के इलाज के लिए चेचक के टीके, इम्वेनेक्स के उपयोग को मंजूरी देने की सिफारिश की. डेनिश दवा निर्माता बवेरियन नॉर्डिक द्वारा विकसित इम्वेनेक्स को चेचक की रोकथाम के लिए 2013 से यूरोपीय संघ में अनुमोदित किया गया है. मंकीपॉक्स वायरस और चेचक वायरस के बीच समानता के कारण इसे मंकीपॉक्स के लिए एक संभावित टीका भी माना जाता था.  


क्या हैं मंकीपॉक्स के लक्षण?


मंकीपॉक्स (Monkeypox) के लक्षणों की बात करें तो पहले लक्षण पांच दिनों के दौरान बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और पीठ दर्द हैं. बाद में चेहरे, हाथों की हथेलियों और पैरों के तलवों पर चकत्ते दिखाई देते हैं. इसके बाद घाव, धब्बे और अंत में पपड़ी बन जाती है. 


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