संयुक्त राष्ट्र: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से कोरोना वायरस को वैश्विक स्वास्थ्य आपदा घोषित किया. इस बीच चीन ने कहा कि सभी देशों को जिम्मेदार ढंग से पेश आना चाहिए और बढ़ा-चढ़ा कर प्रतिक्रिया करने से बचना चाहिए क्योंकि दूसरे क्षेत्रों पर इसके दुष्परिणाम पड़ने लगेंगे. चीन ने डब्ल्यूएचओ को दिसंबर के आखिर में कोरोना वायरस के मामलों की सूचना दी थी. चीन में इस वायरस के चलते मरने वालों की संख्या शुक्रवार को 213 हो गई और कुल 9,692 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो गई है.


डब्ल्यूएचओ ने कहा कि 18 अन्य देशों में 98 मामले सामने आए हैं लेकिन किसी की मौत नहीं हुई है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सामने आए ज्यादातर मामले चीन के वुहान शहर जा चुके लोगों में आए हैं जो इस महामारी का केंद्र है. संयुक्त राष्ट्र में चीन के राजदूत झांग जुन ने गुरुवार को को कहा, “हम अब भी कोरोना वायरस से लड़ने के बहुत नाजुक चरण में हैं. अंतरराष्ट्रीय एकजुटता अत्यंत आवश्यक है और इसके लिए सभी देश उचित एवं जिम्मेदार तरीके से पेश आएं.”


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झांग जुन ने कहा कि बीजिंग, प्रकोप को लेकर अन्य देशों की चिंताओं को समझता है लेकिन हमें डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक तेदरोस आदहानोम गेब्रेयसिस की “सलाह भी सुननी चाहिए” जिन्होंने कहा है कि “उन्हें प्रकोप से निपटने के लिए जारी चीन के प्रयासों में पूरा विश्वास है.” जुन ने कहा कि, “ऐसे कदम उठाने का कोई कारण नहीं है जो बेवजह अंतरराष्ट्रीय यात्रा एवं व्यापार में हस्तक्षेप करे” और डब्ल्यूएचओ व्यापार एवं आवाजाही सीमित करने की सिफारिश नहीं करता.


चीनी राजदूत ने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों के तहत, विश्व को प्रकोप से निपटने में एकजुटता की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हर देश को एक जिम्मेदार नजरिया अपनाना चाहिए, विषाणु से निपटने के लिए साथ काम करने और अनावश्यक प्रतिक्रिया देने से बचने की जरूरत है.