विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के विशेषज्ञों ने बुधवार को देशों को एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca)वैक्सीन का उपयोग जारी रखने की सिफारिश की, लेकिन इसके साथ ही ये भी कहा कि कई देशों में वैक्सीन को लेकर स्वास्थ्य इश्यू होने के बाद इसे निलंबित कर दिया गया था जिसके बाद वे इसकी सुरक्षा पर भी ध्यान दे रहे हैं.
वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित
डब्ल्यूएचओ, यूरोप के दवाओं के नियामक और एस्ट्राजेनेका ने खुद इस बात को दोहराया है कि वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है और इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं कि इस वैक्सीन के खून के थक्कों या मस्तिष्क रक्तस्राव का खतरा बढ़ गया है. डब्लयूएचओ ने भी एस्ट्राजेनेका को क्लीन चिट देते हुए कहा कि वैक्सीन और खून के थक्कों का कोई संपर्क नहीं मिला है. गौरतलब है कि फ्रांस, स्पेन, इटली और जर्मनी ने एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी. इन देशों का कहना था कि वैक्सीन के इस्तेमाल से लोग खून के थक्कों की शिकायतें कर रहे हैं.
क्लॉट का वैक्सीन से कोई लिंक नहीं
वहीं संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने एक बयान में कहा, "डब्ल्यूएचओ ग्लोबल एडवाइजरी कमेटी ऑन वैक्सीन सेफ्टी, लेटेस्ट उपलब्ध सुरक्षा आंकड़ों का सावधानीपूर्वक आकलन कर रही है." डब्ल्यूएचओ का भी मानना है कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के फायदे इसके जोखिमों को कम करते हैं और अनुशंसा करते हैं कि टीकाकरण जारी रहना चाहिए." मंगलवार को यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी ने भी देशों को वैक्सीन का उपयोग जारी रखने की सलाह देते हुए कहा कि क्लॉट का वैक्सीन से कोई लिंक नहीं है. वहीं एम्स्टर्डम स्थित एजेंसी ने एक बयान में कहा कि रक्त के थक्के के मुद्दे पर अपने निष्कर्षों को अंतिम रूप देने के लिए गुरुवार को एक महत्वपूर्ण बैठक हो रही है जिसमें आगे की कार्रवाई के लिए जरूरी सिफारिश की जाएंगी."
40 केसों में रक्त के थक्कों की शिकायत की गई
बता दें कि फ्रांस से वेनेजुएला और इंडोनेशिया तक के कई देशों ने कहा है कि वैक्सीन लेने वाले लोगों में रक्त के थक्के और मस्तिष्क रक्तस्राव की कई रिपोर्ट सामने आने के बाद इसका इस्तेमाल नहीं करेंगे. वहीं विशेषज्ञों ने कहा है कि फिलहाल वैक्सीन को बल्ड क्लॉटिंग से जोड़ कर नहीं देखा जाना चाहिए. गौरतलब है कि यूरोपिय संघ के देशों और ब्रिटेन में अब तक करीब 17 लाग लोग कोविड19 वैक्सीन की डोज ले चुके हैं इनमें से सिर्फ 40 केसों में रक्त के थक्कों की शिकायत की गई.
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