WHO ने कहा- कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने चीन जाएंगे विशेषज्ञ
विश्व स्वास्थ्य संगठन के दो विशेषज्ञ कोविड-19 वैश्विक महामारी की उत्पत्ति का पता लगाने के एक बड़े अभियान के तहत जमीनी काम पूरा करने के लिए अगले दो दिन चीन की राजधानी बीजिंग में बिताएंगे.
बीजिंग: विश्व स्वास्थ्य संगठन के दो विशेषज्ञ कोविड-19 वैश्विक महामारी की उत्पत्ति का पता लगाने के एक बड़े अभियान के तहत जमीनी काम पूरा करने के लिए अगले दो दिन चीन की राजधानी बीजिंग में बिताएंगे. संयुक्त राष्ट्र ने एक बयान में कहा कि एक पशु स्वास्थ्य विशेषज्ञ और एक महामारी विज्ञानी अपनी यात्रा के दौरान भविष्य के अभियान के लिए काम करेंगे. जिसका मकसद यह पता लगाना है कि यह विषाणु पशुओं से मनुष्यों तक कैसे फैला.
विषाणु चमगादड़ों से पैदा हुआ और फिर कस्तूरी बिलाव या पैंगोलिन जैसे अन्य प्राणियों में फैला- वैज्ञानिक
वैज्ञानिकों का मानना है कि यह विषाणु चमगादड़ों से पैदा हुआ और फिर कस्तूरी बिलाव या पैंगोलिन जैसे अन्य स्तनधारी प्राणियों में फैला. साथ ही इसके बाद पिछले साल के अंत में चीनी शहर वुहान के खाद्य बाजार में लोगों तक फैला.भविष्य में महामारियों को फैलने से रोकने के लिए चीन ने वन्यजीवों के व्यापार पर कार्रवाई की और कुछ पशु बाजार बंद कर दिए. डब्ल्यूएचओ का अभियान राजनीतिक रूप से संवेदनशील है.
120 से अधिक देशों ने विषाणु की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए जांच की मांग की थी
सबसे अधिक वित्त पोषण देने वाले अमेरिका ने इस महामारी से निपटने में नाकामी और चीन के प्रति पूर्वग्रह का आरोप लगाकर उसकी निधि में कटौती करने की धमकी दी है. मई में विश्व स्वास्थ्य महासभा में 120 से अधिक देशों ने विषाणु की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए जांच की मांग की थी. चीन ने जोर दिया था कि डब्ल्यूएचओ जांच का नेतृत्व करे और इसके लिए महामारी के नियंत्रण में आने तक का इंतजार करे.
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